Car Accident-यमुना एक्सप्रेसवे पर एक भीषण कार दुर्घटना में कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी, डॉ. विशाखा त्रिपाठी (65 वर्ष) की मृत्यु हो गई। उनकी दो छोटी बहनें, डॉ. श्यामा त्रिपाठी और डॉ. कृष्णा त्रिपाठी गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। तीनों बहनें सिंगापुर जाने के लिए फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट जा रही थीं।
कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियों के बारे में जानें
डॉ. विशाखा त्रिपाठी, जो जगद्गुरु कृपालु परिषद (कृपालु धाम, मानगढ़) की अध्यक्ष थीं। वे परिषद के शैक्षिक और चिकित्सीय कार्यों की देखरेख करती थीं। भक्त उन्हें प्यार से “बड़ी दीदी” कहते थे। उनका जन्म 1949 में कुंडा के पास लीलापुर नामक छोटे से गांव में हुआ था। आर्ट में मास्टर डिग्री प्राप्त डॉ. विशाखा पेंटिंग में एक्सपर्ट थीं। उनके निधन से कृपालु जी के भक्तों में गहरा दुख फैल गया।
डॉ. श्यामा त्रिपाठी, दूसरी बेटी, जगद्गुरु कृपालु परिषद (श्यामा श्याम धाम, वृंदावन) की अध्यक्ष थीं। भक्त उन्हें “मंझली दीदी” कहते थे। उनका जन्म 1954 में मानगढ़ में हुआ था। उन्होंने संस्कृत में पीएचडी की थी और अपने पिता कृपालु जी महाराज के मार्गदर्शन में वेदों का गहन अध्ययन किया था।
तीसरी बेटी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी, जगद्गुरु कृपालु परिषद (रंगीली महल, बरसाना) की अध्यक्ष थीं। भक्त उन्हें “छोटी दीदी” पुकारते थे। उनका जन्म 1957 में प्रयागराज के पास हुआ था। वे आध्यात्मिक ग्रंथों की विद्वान थीं और संस्कृत में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की थी।
तीनों बहनें एक दिन पहले हुए भव्य वितरण कार्यक्रम में शामिल थीं
इस हादसे से एक दिन पहले, 23 नवंबर को तीनों बहनें ब्रज क्षेत्र के गरीब संतों और विधवाओं को जरूरी सामग्री वितरित करने के लिए एक भव्य कार्यक्रम में शामिल थीं। इस कार्यक्रम में 14,000 जरूरतमंद लोगों को राहत सामग्री दी गई। यह कार्यक्रम प्रेम मंदिर, वृंदावन और कीर्ति मंदिर, बरसाना में आयोजित किया गया था।
प्रेम मंदिर में हुए मुख्य कार्यक्रम में 5,000 गरीब साधुओं और 4,000 विधवाओं को जीवन-रक्षक वस्तुएं दी गईं। इन वस्तुओं में बैग, धोती-कुर्ता, शॉल, तौलिए, जैकेट, चटाई, बेडशीट, डोलू, लोटा, साबुन आदि शामिल थे। विधवाओं को भी राहत सामग्री प्रदान की गई, जिसमें कपड़े, शॉल, कोट, तौलिये, बेडशीट, टॉर्च, और साबुन शामिल थे।
तीनों बहनें इस कार्यक्रम की सफलता में सक्रिय रूप से शामिल थीं। दुर्भाग्यवश, कार्यक्रम के अगले दिन ही उन्हें यह भीषण हादसा झेलना पड़ा।
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समुदाय में शोक की लहर
डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन कृपालु जी के भक्तों के लिए एक बड़ा आघात है। उनके समर्पण और सेवा कार्यों ने समाज के गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद की। तीनों बहनों का योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
यह हादसा न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे समुदाय को भी गहरे दुख में डाल गया है, जिन्होंने इन बेटियों को मार्गदर्शक और प्रेरणा स्त्रोत माना। उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्य और उनके पिता के प्रति समर्पण हमेशा लोगों के दिलों में रहेगा।