लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। भल हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने पुलिस-प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि मस्जिद के सर्वे का कुछ लोग विरोध कर रहे थे, जिन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पुलिस के अधिकारी व जवानों ने सरकारी व प्राईवेट अहसलों से फायरिंग की। जिससे पांच मासूमों की जान चली गई।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, संभल की स्थानीय अदालत ने एक याचिका की सुनवाई के बाद शाही जामा मस्जिद के सर्वे के आदेश दिए थे। रविवार को सर्वे की टीम मस्जिद पहुंची तो अराजकतत्वों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हल्का बल प्रयोग किया। उपद्रवियों ने फायरिंग की। इस दौरान पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस के तीन दर्जन अधिकारी, जवान घायल हुए।
अखिलेश यादव ने लगाए आरोप
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने दावा किया कि संभल में एक गंभीर घटना हुई। चुनाव के बारे में चर्चा को रोकने के लिए सुबह जानबूझकर एक सर्वेक्षण टीम भेजी गई थी। इसका उद्देश्य अराजकता पैदा करना था, ताकि चुनावी मुद्दों पर कोई चर्चा न हो सके। अखिलेश यादव का आरोप है कि पुलिस की गोली से पांच मासूमों की मौत हुई है। पुलिस ने लोगों को घरों से निकाल कर पीटा। दो हजार से अधिक पर केस दर्ज किया। हमारी मांग है सुप्रीम कोर्ट संभल हिंसा पर दखल दे।
दूसरे पक्ष की नहीं सुनी गई बात
अखिलेश यादव ने कहा कि मैं कानूनी या प्रक्रियात्मक पहलुओं में नहीं जाना चाहता, लेकिन दूसरे पक्ष की बात भी नहीं सुनी गई। यह जानबूझकर भावनाओं को भड़काने और चुनाव में धांधली पर चर्चा से बचने के लिए किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि संभल में जो कुछ हुआ, वह चुनावी अनियमितताओं से ध्यान हटाने के लिए भाजपा, सरकार और प्रशासन द्वारा रचा गया था। लोकतंत्र में सच्ची जीत व्यवस्था से नहीं, बल्कि लोगों से होती है।
लोकसभा स्पीकर से मिले अखिलेश यादव
अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा सांसदों ने लोकसभा स्पीकर से मुलाकात की है। सपा सांसदों ने स्पीकर से संभल हिंसा पर सदन में चर्चा कराने की मांग की है। इस दौरान अखिलेश ने संभल सांसद पर हुई एफआईआर का मामला उठाया और कहा कि वो मौजूद नहीं थे फिर भी एफआईआर हुई। उन्होंने संभल सांसद के संरक्षण की मांग की।
और न्याय का युग आएगा
अखिलेश यादव ने कहा कि वरना ऐसे में सासंद कैसे काम करेंगे। संभल हिंसा को लेकर अखिलेश यादव लगातार मुखर रहे हैं। कल यानी रविवार को उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि उन्होंने संभल में शांति की अपील की थी. साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि कोई भी इंसाफ की उम्मीद न छोड़े. नाइंसाफी का हुक्म ज्यादा दिन नहीं चलता सरकार बदलेगी और न्याय का युग आएगा।