लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस-प्रशासन फुल एक्शन में है। सीओ समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर फायरिंग करने वाले आरोपी एक-एक कर पकड़े जा रहे हैं। इन्हीं में से एक है संभल का ‘विकास दुबे’, जिसने दंगाईयों को पुलिसबल पर फायरिंग का ऑर्डर दिया था। पुलिस ने शातिर को अरेस्ट कर लिया है और उसका नाम फरहत बताया जा रहा है। आरोप है कि संभल हिंसा के दौरान फरहत ने भड़काऊ बातें कहीं। पुलिस पर फायरिंग और पत्थबाजी किए जाने को लेकर लोगो को उकसाया। आोपी ने वीडियो को भी सोशल मीडिया पर वायरल कराया था। फरहत की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में अब तक कुल 28 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, संभाल की एक अदालत ने शाही मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया। जिसके बाद पुलिस-प्रशासन के आलाधिकारी फोर्स के साथ मस्जिद परिसर पर पहुंचे। सर्वे करने वाली टीम को देखकर सैकड़ों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आए और नारेबाजी करने लगे। पुलिस ने उन्हें शांत कराए जाने की कोशिश की तो उपद्रवियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। आरोपियों ने पुलिस पर पेट्रोल बम के अलावा असहले से फायरिंग की। जिससे सीओ अनुज चौधरी, एसपी के पीआरओ समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने लाठीचार्ज के साथ आंसू गैस के गोले दागे और किसी तरह से उपद्रवियों पर काबू पाया। सब इंस्पेक्टर की तहरीर पर पुलिस ने 27 सौ से अधिक दंगाईओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। फरहत और तीन महिलाओं समेत 28 दंगाईओं को अरेस्ट कर जेल भेजा।
वीडियो को सोशल मीडिया पर करवाया वायरल
पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी फरहत पर कई सनसनीखेज आरोप हैं। पुलिस के मुताबिक, फरहत ने ही लोगों को पुलिस पर पथराव, फायरिंग और आगजनी के लिए उकसाया। संभल हिंसा के दौरान आरोपी फरहत ने दंगे का एक वीडियो बनाया था, जिसमें वो लोगों को उकसाने वाली बातें कहता हुआ दिखाई दे रहा है। जिसके बाद उसने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर भी वायरल करवाया। पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया और उसने पूछताछ के दौरान कई राज उगले। वहीं पुलिस सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो के आधार पर एक-एक आरोपी की पहचान कर रही है। पुलिस ने बुधवार को फुटेज के आधार पर 45 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए। जिसमें बहुत से उपद्रवियों का नाम और उनका पता भी सार्वजनिक कर दिया गया है।
100 से अधिक आरोपियों को किया गया चिह्नित
हिंसा के बाद पुलिस ने वीडियो के आधार पर अब तक 100 से ज्यादा आरोपियों को चिह्नित किया है और उनके पोस्टर जारी किए। इनमें ज्यादातर आरोपी हाथ में पत्थर लिए हैं। मुंह बांधे हैं। पुलिस ने बताया कि अभी और वीडियो, सीसीटीवी और ड्रोन फुटेज की जांच की जा रही है। आगे और भी पोस्टर जारी किए जाएंगे। साथ ही सड़कों पर पोस्टर और होर्डिंग्स भी लगाए जाएंगे। संभल पुलिस ने दीपासराय इलाके का एक फुटेज भी जारी किया। इसमें महिलाएं सपा सांसद के घर से पत्थर पुलिस पर फेंक रही हैं। कमिश्नर आंजनेय सिंह का कहना है पत्थरबाजी में शामिल किसी भी अराजक तत्व को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह पुरुष हों या महिलाएं। हर एक पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी, जो नजीर बनेगी।
नुकसान की वसूली की तैयारी
इधर, योगी सरकार हिंसा में जिन-जिन लोगों के नाम सामने सामने आए हैं, उनकी पहचान के बाद उनसे नुकसान की वसूली की तैयारी कर रही है। गृह और पुलिस विभाग इसमें मिलकर काम कर रहा है। वहीं संभल हिंसा के बाद से पूरे इलाके में भारी सुरक्षा बदलों को तैनात किया गया है। शुक्रवार को जामा मस्जिद में जुमे की नमाज होने वाली है, जिसे लेकर प्रशासन अलर्ट पर है। बुधवार को पुलिस प्रशासन ने एक हाई लेवल की बैठक हुई। जिसमें तमाम सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चर्चा की गई। वहीं संभल में अब भी एहतियात बरतते हुए इंटरनेट को बंद रखा गया है। पुलिस के आलाधिकारी पीएसी-अर्धसैनिकबल के जवानों के साथ गश्त किया। हालांकि बाजार खुल गए हैं। पर लोग अब भी बाहर नहीं निकल रहे हैं।