Sambhal Violence: संभल हिंसा का जायजा लेने जा रहे समाजवादी पार्टी के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को लेकर लखनऊ से मुरादाबाद तक सियासी गर्मी तेज हो गई है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में यह दल शनिवार को संभल रवाना होने वाला था, लेकिन सुबह पुलिस ने माता प्रसाद पांडेय के आवास पर पहुंचकर उन्हें रोक लिया। उनके घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात है, और पुलिस ने उनसे अनुरोध किया है कि फिलहाल वह घर के अंदर ही रहें।
मौलिक अधिकारों का उल्लंघन- माता प्रसाद
माता प्रसाद पांडेय ने पुलिस की कार्रवाई को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया है। पुलिस ने उन्हें उनके घर के बाहर ही रोक दिया लेकिन माता प्रसाद पांडेय अपनी मांग पर अड़े रहे। उन्होंने अपनी गाड़ी में बैठते हुए कहा कि वह संभल में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने (Sambhal Violence) और सच्चाई का पता लगाने के लिए जाना चाहते हैं लेकिन सरकार उन्हें ऐसा करने से रोक रही है। प्रतिनिधिमंडल के 15 सदस्यों में शामिल सपा सांसद हरेंद्र मलिक के घर से निकलने की भी खबर है। वहीं मुरादाबाद की सांसद रुचि वीरा के घर के बाहर भी पुलिस ने पहरा लगा दिया है।
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नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने संभल के डीएम से फोन पर बातचीत की। इसके बाद उन्होंने बताया कि डीएम ने संभल न आने का अनुरोध किया है और कहा है कि संभल की सीमा में प्रवेश पर प्रतिबंध है। हालांकि माता प्रसाद पांडेय ने आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें पार्टी कार्यालय जाने तक नहीं दे रही है। उन्होंने भाजपा सरकार पर बलपूर्वक रोकने का आरोप लगाते हुए कहा, “हम लोकतंत्र सेनानी हैं। हमें क्यों रोका जा रहा है?”
सपा सांसद हरेंद्र मलिक को भी पुलिस ने रोका
इसी बीच,समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कई तस्वीरें साझा कीं और पार्टी प्रतिनिधिमंडल को संभल जाने से रोकने को सरकार की तानाशाही करार दिया। खबर है कि सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने संभल जाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। मुरादाबाद की सांसद रूचि वीरा और सपा विधायक पिंकी यादव को भी उनके घरों पर रोका गया। समाजवादी पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाया कि सपा प्रतिनिधिमंडल को रोककर संविधान और लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।