नोएडा डेस्क (अम्बुजेश कुमार)। सियासी दलों के लिए संभल इन दिनों हाट केक बना हुआ है। सभी को लगता है कि संभल (Sambhal Violence) के बहाने वो मुसलमानों का वोट बैंक अपने पाले में कर लेंगे। इसके लिए पहले तो समाजवादी पार्टी ने खूब हंगामा काटा और संभल जाने की कोशिश की। अब सपा की पार्टनर कांग्रेस ने भी हल्ला बोल दिया है। सवाल उठता है कि मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए मची इस होड़ में आखिर किसे ज्यादा फायदा मिलेगा। सवाल ये भी बड़ा कि आखिर पत्थरबाजों से हमदर्दी दिखाकर विपक्ष इनके कारनामों को ढंकने की कोशिश नहीं कर रहा।
सपा के बाद अब कांग्रेस को याद आए मुसलमान
संभल पर सियासी दंगल (Sambhal Violence) खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। समाजवादी पार्टी ने दो बार अपना प्रतिनिधिमंडल संभल भेजने की कोशिश की लेकिन सख्त सुरक्षा इंतजामों की वजह से दोनों ही कोशिश नाकाम हो गई। अब इस सियासी ड्रामे को कांग्रेस ने आगे बढ़ाया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की अगुवाई में प्रदेश कांग्रेस के दफ्तर पर जमकर हंगामा हुआ। ये लोग संभल जाने की कोशिश में थे। जो कोशिश प्रशासन ने नाकाम कर दी। इससे पहले अजय राय ने दावा किया था कि प्रशासन ने बाहरी लोगों पर पाबन्दी 30 नवम्बर तक रखी थी इसलिए वो 2 दिसम्बर को जाने की तैयारी में हैं। हालांकि प्रशासन के आगे कांग्रेस नेताओं की एक ना चली।
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बरेली कांग्रेस की टीम भी नहीं पहुंच पाई संभल
एक ओर लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से पुलिस की भिड़ंत जारी थी तो दूसरी ओर बरेली में भी कांग्रेस नेताओं ने संभल कूच करने की कोशिश की लेकिन प्रशासन ने ये कोशिश भी नाकाम कर दी। कांग्रेस के नेताओं को घरों में ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया। बरेली अध्यक्ष अजय शुक्ला समेत तमाम कांग्रेस के नेताओं का घर पुलिस ने घेर लिया। कांग्रेस के नेताओं ने सरकार पर सच छिपाने का आरोप लगाया और संभल में सरकार की शह पर पुलिसिया जुल्म की बात कही। बरेली कांग्रेस नेताओं ने मौका मिलते ही संभल जाने का भी दावा किया।
बाहरी लोगों के प्रवेश पर 10 दिसम्बर तक निषेधाज्ञा
संभल हिंसा (Sambhal Violence) के बाद प्रशासन ने 10 दिसम्बर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा रखी है। इसके बाद भी विपक्ष का ये हंगामा ये बताने के लिए काफ़ी है कि असल में विपक्ष का मकसद पीड़ितों के आंसू पोंछना नहीं बल्कि अपनी सियासत चमकाना ज्यादा है जिससे कि वो साबित कर सके कि मुस्लिम वोटों के असली ठेकेदार वही है। ये सारा हंगामा इसी वजह से हो रहा है।