सिद्धार्थनगर। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद रफी की अदालत ने चार प्राणघातक हमलावरों एवं जानमाल की धमकी के अभियुक्तों पांचू यादव पुत्र पिरथी उर्फ बुद्धिराम यादव, विजय कुमार पुत्र मानिक, सालिक पुत्र सुमेरे, दीपू पुत्र श्यामलाल को साक्ष्यों के आधार पर दोषी ठहराते हुए (Siddharthnagar) पर प्रत्येक को तीन-तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए हर एक पर छः-छ: हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर सभी को तीन महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। सभी दोषी त्रिलोकपुर थानाक्षेत्र के ग्राम खरैली के निवासी हैं।
9 साल पहले दिया था वारदात को अंज़ाम, अब हुआ इंसाफ
घटना इटवा थानाक्षेत्र में 25 मई 2015 को घटी थी। अभियोजन के अनुसार त्रिलोकपुर थानाक्षेत्र के ग्राम खरैली खरेला निवासी राजाराम यादव पुत्र स्व० बरसाती ने पुलिस को तहरीर दिया कि उसका लड़का सहजराम 25 मई 2015 को उसकी लड़की के ससुराल लटेरा थाना इटवा में तिलक में गया था। रात में करीब 9-10 के बीच रिश्तेदार के घर से थोड़ी दूर पर मोबाइल से अपनी पत्नी से बात कर रहा था। बात करते करते वह बांस की कोठी के पास पहुंचा उसी समय की गांव के पांचू पुत्र पृथी उर्फ बुधराम अपने तीन अज्ञात साथियों के साथ उसके बेटे के ऊपर मोटी सरिया से प्रहार कर दिये। जिससे उसका सर फट गया था और कमर में चोट आयी।
सभी लोग मुंह में रुमाल बांधे थे। छीनाछपटी में पांचू का मुंह खुल गया (Siddharthnagar) तब उसके बेटे ने कहा पांचू मुझे क्यों मार रहे हो मैं मर जाउंगा। तब पांचू ने कहा मैं तुम्हें जिन्दा नहीं छोडूंगा। उसके बाद पांचू व अन्य लोगों ने सरिया से जबरदस्त प्रहार किया जिससे उसका लड़का बेहोश होकर जमीन पर गिर गया और वह लोग बेटे को मरा समझ कर वहां से चले गये।
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काफी देर होने पर उसके रिश्तदारों (Siddharthnagar) ने खोजबीन शुरू की और लड़के को मरणासन्न स्थिति में बांस की कोठी के पास पाये और उसे लेकर बेवा अस्पताल गये जहां से डॉक्टर ने रेफर कर दिया। उसके बाद वह और अन्यलोग बस्ती एवं गोरखपुर मेडिकल कालेज ले गये जहां से डॉक्टर ने लखनऊ के लिए रेफर कर दिया। लखनऊ में उसका इलाज करवाया लड़का कोमा में चला गया, करीब एक हफ्ते बाद जब होश आया तब उसने पूरी घटना सबको बताया।
कोर्ट ने घटना का संज्ञान लिया और सुनवाई की
न्यायालय ने संज्ञान लेकर विचारण किया। विचारण के दौरान साक्षियों के बयान के आधार पर वादी मुकदमा की तरफ से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर न्यायालय ने सुनवाई करके तीन अन्य अभियुक्तों विजय कुमार पुत्र मानिक, सालिक पुत्र सुमेरे, दीपू पुत्र श्यामलाल निवासी खरैली थाना त्रिलोकपुर को भी विचारण के लिए तलब कर लिया। इसके बाद उनके ऊपर भी आरोप विरचित करके उनका भी विचारण किया।
दोनों पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट का फैसला आया
विचारण की समाप्ति पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं (Siddharthnagar) की बहस सुनकर पत्रावली का सम्यक अवलोकन किया। इसके बाद गवाहों की गवाही, जिरह, चिकित्सकीय परीक्षण रिपोर्ट, घटना के तथ्यों एवं परिस्थितियों, अन्य सुसंगत दस्तावेजी साक्ष्यों व मामले की गम्भीरता को देखते हुए चारों को दोषी ठहराकर न्यायालय ने सजा के बिंदु पर सुनवाई करके सजा सुनाया। पीड़ित पक्ष की पैरवी राज्य सरकार की तरफ से एडीजीसी चन्द्र प्रकाश पांडेय ने किया।