Mayawati News : बसपा हाईकमान ने जिले के संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए प्रमोद सागर को जिलाध्यक्ष के पद से हटा दिया और पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसके साथ ही पांच बार जिलाध्यक्ष रहे और दर्जा राज्य मंत्री के पद पर रह चुके सुरेंद्र सागर को भी पार्टी से बाहर कर दिया गया। उन्हें यह सजा इस कारण दी गई कि उन्होंने अपने बेटे की शादी सपा विधायक की बेटी से की। जिला प्रभारी ज्ञान प्रकाश बौद्ध को नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
प्रमोद सागर को तीन बार जिलाध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन पद से हटने के बाद उन्होंने नए जिलाध्यक्ष को बधाई दी, जिसके कुछ ही समय बाद उनका निष्कासन कर दिया गया। नए जिलाध्यक्ष ने पार्टी हाईकमान के निर्देश पर उन्हें निष्कासित किया और उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और अनुशासनहीनता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बहनजी का आदेश सर्वोपरि है। इसके अलावा, नए जिलाध्यक्ष ने सुरेंद्र सागर को भी पार्टी से निष्कासित करने का ऐलान किया। सुरेंद्र सागर बसपा के प्रमुख नेताओं में से एक रहे हैं, जो कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं और पांच बार जिलाध्यक्ष बने। 2022 में वह मिलक विधानसभा क्षेत्र से बसपा के प्रत्याशी थे और दर्जा राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।
क्या है पार्टी से निष्कासित किए जाने का कारण ?
पार्टी से निष्कासन के बाद प्रमोद सागर ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि उन्होंने कोई अनुशासनहीनता नहीं की और न ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। उन्होंने हमेशा पार्टी को मजबूत करने के लिए काम किया है। उनका सिर्फ इतना दोष है कि उन्होंने अपने बड़े बेटे अंकुर सागर की शादी समाजवादी पार्टी के आंबेडकर नगर के सपा विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से की है, जो समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी हैं और सांसद रह चुके हैं।
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प्रमोद सागर ने यह भी बताया कि उनके बेटे का रिसेप्शन मंगलवार रात को था, जिसमें सपा के राष्ट्रीय सचिव भी शामिल हुए थे। इसके अलावा, जिला प्रभारी ज्ञान प्रकाश बौद्ध ने बताया कि जिले में चार नए जिला प्रभारी नियुक्त किए गए हैं, जिनमें महेंद्र सिंह सागर, नवनीत यदुवंशी, ईश्वरी लाल प्रजापति और राजकुमार सागर शामिल हैं।