सिद्धार्थनगर। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की किताबें बेचने में संलिप्तता पाए जाने पर पुलिस ने बीईओ बांसी अखिलेश कुमार सिंह को गिरफ्तार करके न्यायालय के समक्ष पेश किया था। जिसमें पुलिस की भारी लापरवाही एवं कानून के प्रावधानों का उल्लंघन की बात उजागर हुई थी जिसका संज्ञान लेकर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्रद्धा भारतीया ने बीइओ को चार दिन के रिमांड पर भेजते हुए पुलिसिया कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया और डीएम को जांच करने के लिए आदेशित करके रिमांड पर सुनवाई के लिए बुधवार की तारीख नियत किया था, साथ ही जिलाधिकारी से जांच आख्या कार्यवाही रिपोर्ट तलब किया था।
अभी जेल में रहेंगे बांसी के बीईओ
बांसी बीइओ को पुलिस ने जेल से न्यायालय में पेश किया और मामले के विवेचक बांसी थाना प्रभारी रामकृपाल शुक्ल केस डायरी सहित रिमांड लेने के लिए पेश हुए। न्यायालय केस डायरी एवं रिमांड एप्लिकेशन सहित आवश्यक प्रपत्रों का अवलोकन किया और विवेचक से सवाल किया कि इन चार दिनों में विवेचना में क्या प्रगति हुई? जिसपर विवेचक ने जवाब दिया कि इन चार दिनों तक विवेचना में कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके बाद न्यायालय ने अपने समक्ष प्रस्तुत प्रपत्रों के परिशीलन से पाया कि इस प्रकरण में विगत चार दिवसों में अन्वेषण प्रक्रिया को स्थगित रखा गया तथा किसी भी प्रकार अन्वेषण नहीं किया गया है। इस सम्बन्ध में विवेचक रामकृपाल शुक्ल को नोटिस दिये जाने पर उनके द्वारा लिखित रूप से यह कथन किया गया कि विगत चार दिवसों में उनके द्वारा प्रस्तुत प्रकरण के सम्बन्ध में कोई भी कार्य नहीं किया गया है।
खण्ड शिक्षा अधिकारी को पुनः भेजा तीन दिन की रिमांड पर
न्यायालय ने मामले में खण्ड शिक्षा अधिकारी बांसी अखिलेश कुमार सिंह के सम्बन्ध में तीन दिन की रिमाण्ड सम्बन्धित विवेचक को प्रदान करते हुए आदेशित किया कि पत्रावली 7 दिसम्बर 2024 को पेश हो। साथ ही आदेश की प्रति सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी को प्रेषित किया जाय।
न्यायालय ने डीएम से मांगी पुलिस अधीक्षक के कार्यवाही की रिपोर्ट
न्यायालय ने जिलाधिकारी को आदेशित करते हुए कहा कि, पत्र सं0-1205/जे.ए. के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक, सिद्धार्थनगर द्वारा कृत कार्यवाही से आख्या प्राप्त होने की तिथि के तत्काल पश्चात न्यायालय को अवगत कराया जाना सुनिश्चित करें। न्यायालय समस्त प्रपत्रों का अवलोकन करते विवेचक राम कृपाल शुक्ल को नोटिस निर्गत किया और डीएम को उनके खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश देकर रिमांड पेशी की तारीख तक कृत कार्यवाही से न्यायालय को अवगत कराया जाना सुनिश्चित करने हेतु कहा है।