Kisan Devta Camp- महाकुंभ 2025 में एक बिल्कुल नया बदलाव देखने को मिलेगा ‘किसान देवता’ शिविर। यह पहली बार है जब महाकुंभ में किसानों के सम्मान में ऐसा शिविर लगाया जा रहा है, जो उन्हें हमारे जीवन का असली संजीवक यानी भगवान के रूप में मान्यता देगा। यह शिविर स्वामी शैलेंद्र योगीराज द्वारा स्थापित किया जा रहा है, जो जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शिष्य हैं, और वह ज्योतिष पीठ के प्रमुख हैं।
भारत में किसानों को हमेशा से सम्मानित किया गया है, लेकिन इस बार उन्हें विशेष रूप से देवता के रूप में पूजा जाएगा। स्वामी शैलेंद्र योगीराज का मानना है कि किसान ही वह लोग हैं जो हमारे लिए अनाज उगाते हैं, और वही अनाज देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है। उनका कहना है कि जो चीजें हम देवी-देवताओं को चढ़ाते हैं, वह दरअसल किसान ही पैदा करते हैं। इसलिए किसान की कोई जाति या धर्म नहीं होता, वह सभी के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण होते हैं और उनका सम्मान पूरे समाज का कर्तव्य है।
स्वामी शैलेंद्र योगीराज की पहल
किसान देवता शिविर महाकुंभ के सेक्टर 10 में स्थापित किया जा रहा है, और यह एक बड़े प्रयास का हिस्सा है, जिसमें किसानों को देश में उनकी असल जगह दिलाने की कोशिश की जा रही है। स्वामी शैलेंद्र योगीराज का कहना है कि भारत हमेशा से कृषि प्रधान देश रहा है, और अब समय आ गया है कि किसानों को धार्मिक स्थानों पर उनका उचित सम्मान मिले।
किसानों के लिए देवता का दर्जा
स्वामी शैलेंद्र ने पहले ही दुनिया का पहला किसान देवता मंदिर स्थापित किया है, जो प्रत्यागढ़ के मेला ग्राउंड पट्टी में स्थित है। उनका कहना है कि किसानों को हर गांव और घर में पूजा जाना चाहिए, क्योंकि वह सभी धर्मों और जातियों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। उनका एक विचार है कि किसानों को केवल मेहनतकश कामकाजी वर्ग नहीं माना जाना चाहिए, बल्कि उन्हें देवता की तरह पूजा जाना चाहिए।
किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान
स्वामी शैलेंद्र का संदेश सरकार के लिए भी स्पष्ट है। वह चाहते हैं कि भारत फिर से कृषि प्रधान देश बने और किसानों को हमारे देश के असली स्तंभ के रूप में माना जाए। उनका कहना है कि किसानों को केवल कामकाजी लोग नहीं, बल्कि देवता के रूप में सम्मानित किया जाना चाहिए, जो पूरे देश की देखभाल करते हैं।
किसान देवता मंदिर की स्थापना
महाकुंभ 2025 में किसान देवता शिविर के साथ, महाकुंभ में किसानों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा, और यह पूरे देश को किसानों के प्रति आदर और श्रद्धा का नया संदेश देगा।
भारत को कृषि प्रधान देश बनाना
स्वामी शैलेंद्र योगीराज के इस कदम से यह उम्मीद जताई जा रही है कि कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा मिलेगी और किसानों के योगदान को समाज में सही पहचान मिल पाएगी।
ऐतिहासिक पहल
महाकुंभ 2025 में किसान देवता शिविर एक ऐतिहासिक पहल साबित होगा, जो न सिर्फ किसानों का सम्मान बढ़ाएगा, बल्कि पूरे समाज को उनकी अहमियत का एहसास भी दिलाएगा।