Mayawati: हाल ही के समय में संसद के शीतकालीन सत्र में भारत के संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा हुई है। इस चर्चा को लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि इस चर्चा की सार्थकता और उपयोगिता तभी संभव है, जब खुले मन से यह स्वीकार किया जाए कि सत्ताधारी दल मानवतावादी संविधान की पवित्र भावनाओं के अनुरूप देश के करोड़ों लोगों को रोजगार, न्याय और स्वाभिमान का जीवन देने में सक्षम है या नहीं। मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश पर राज करने वाली पार्टियों पर भी निशाना साधा है। वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने मायावती के बयान को लेकर उन पर निशाना साधा है। अजय राय ने बसपा प्रमुख मायावती से कहा है कि उन्हें सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस और ट्विटर-ट्विटर नहीं करना चाहिए।
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मायावती ने क्या कहा?
मायावती ने कहा कि भारत का संविधान और इसके लोकतंत्र की खूबसूरती देश और इसके लोगों की तरक्की के लिए जरूरी है। विकसित देश बनाने के लिए यह भी एक बड़ी कसौटी है। चूंकि इसका जवाब ‘नहीं’ है, इसलिए सत्ताधारी दल ध्यान भटकाएंगे। मायावती ने आगे कहा कि अगर अब तक देश पर राज करने वाली पार्टियों ने सच्ची लगन, ईमानदारी और देशभक्ति दिखाई होती और संविधान को बनाए रखा होता तो देश की हालत इतनी खराब नहीं होती।
मायावती के बयान पर अजय राय का पलटवार
बसपा प्रमुख मायावती के बयान पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “मैं मायावती से कहना चाहूंगा कि ट्वीट और प्रेस कॉन्फ्रेंस बहुत हो गई, अब सड़क पर उतरकर लड़ें और देखें कि किस तरह का अत्याचार और अन्याय हो रहा है। सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस और ‘ट्विटर-ट्विटर’ न करें।” दूसरी ओर यूपी विधानसभा सत्र पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा- “प्रदेश में किसान, मजदूर, हमारी बहन-बेटियां, स्कूल, अस्पताल, हर जगह अत्याचार हो रहा है। इन सब को ध्यान में रखते हुए हमने फैसला किया है कि हम 18 दिसंबर को विधानसभा सत्र का घेराव करेंगे।”
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