Bareilly News: बरेली के फरीदपुर क्षेत्र में तैनात लेखपाल मनीष चंद की हत्या की गुत्थी अब सुलझ गई है। 18 दिन पहले लापता हुए मनीष की खोपड़ी और हड्डियाँ नाले से बरामद हुई थीं, जिनसे परिवार ने उसकी पहचान की। पुलिस ने दावा किया कि मनीष की हत्या फिरौती के लिए की गई थी। Bareilly पुलिस ने ओमवीर कश्यप, सूरज कश्यप, नेत्रपाल और नन्हें कश्यप को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि बदमाशों ने मनीष को शराब पार्टी के बहाने बुलाकर मफलर से गला घोंटकर हत्या कर दी। हालांकि, मनीष के परिवार का कहना है कि यह हत्या 250 बीघा भूमि के घोटाले से जुड़ी हुई है, जिसके कारण यह मामला और भी जटिल हो गया है।
लेखपाल की हत्या और फिरौती का मामला
Bareilly में लेखपाल मनीष चंद का शव 18 दिन बाद नाले में सड़ा-गला अवस्था में मिला। मनीष 27 नवंबर से लापता थे और परिवार ने पहले अपहरण की शिकायत की थी, जिसमें एक जनप्रतिनिधि और कुछ अन्य लोगों पर आरोप लगाए गए थे। जांच के दौरान, पुलिस ने इस हत्या को फिरौती से जोड़ते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ओमवीर कश्यप, सूरज कश्यप, नेत्रपाल और नन्हें कश्यप को पुलिस ने हिरासत में लिया है और दावा किया है कि यह हत्या मनीष से फिरौती के रूप में पैसे लेने के लिए की गई थी।
Bareilly पुलिस के अनुसार, बदमाशों ने मनीष को शराब पार्टी के नाम पर बुलाया और मफलर से उनका गला घोंट दिया। हत्या के बाद शव को बभिया गांव के पास नाले में फेंक दिया गया। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर शव बरामद किया और मामले का खुलासा किया। हालांकि, मनीष के परिवार का कहना है कि यह हत्या जमीन के घोटाले से जुड़ी हुई है, और वे इसके लिए भूमाफियाओं और कुछ भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार मानते हैं।
भूमि विवाद और हत्या का संबंध
मनीष चंद, जो फरीदपुर तहसील में लेखपाल के पद पर तैनात थे, एक 250 बीघा भूमि के घोटाले की जांच कर रहे थे। यह भूमि एक विवादित क्षेत्र में थी, और मनीष को संदेह था कि वह दूसरी पार्टी के पक्ष में काम कर रहे थे। एक व्यक्ति, जिनका भूमि विवाद था, ने मनीष को तहसील में बुलाया और उसे अपहरण कर लिया। बाद में, उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस की जांच से यह स्पष्ट हो गया कि मनीष की हत्या जमीन के विवाद के कारण की गई, न कि फिरौती के लिए।
इस मामले में आगे की जांच जारी है, और पुलिस इस हत्याकांड के सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर रही है।