Family secrets revealed by DNA test.-वह कहते हैं ना कि चाहे जुर्म पर लाख पर्दे डाल लो पर वह कभी ना कभी खुल के सामने आ ही जाता है। एक ऐसा ही एक मामला अभी हाल ही में अमेरिका में पता चला है। जहां एक लड़की ने मजाक के तौर पर अपना डीएनए टेस्ट कराया और उस टेस्ट से काफी समय पहले किया गया, उसकी दादी का जुर्म खुलकर सामने आया गया उसे पता चला कि यह उसकी दादी का 1997 में एक नवजात की मौत से जुड़ा मामला है। इस खुलासे के बाद पुलिस ने उसकी दादी को गिरफ्तार कर लिया।
एक साधारण टेस्ट से बड़ा खुलासा
जेना गेरवाटोव्स्की, जो अमेरिका में रहती है, ने मजे के लिए डीएनए टेस्ट करवाया। वह सोच भी नहीं सकती थी कि इस टेस्ट से उसकी जिंदगी में इतना बड़ा बदलाव आ जाएगा।
एक दिन जब वह अपने काम पर थी, उसे मिशिगन पुलिस का फोन आया। आमतौर पर वह अजनबी नंबर के कॉल नहीं उठाती थी, लेकिन इस बार उसने कॉल उठा लिया। पुलिस ने सीधे सवाल किया, क्या तुमने बेबी गार्नेट केस के बारे में सुना है?
जेना को यह सुनकर झटका लगा। 1997 में हुए इस केस में एक नवजात का शव शौचालय के पास मिला था। उस समय पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला था, और उसने यह केस बंद कर दिया गया। लेकिन अब, इतने सालों बाद, डीएनए टेस्ट ने जेना को इस मामले से जोड़ दिया।
मां की प्रतिक्रिया
जेना ने तुरंत अपनी मां कारा से इस बारे में बात की। मां ने इसे धोखा समझा और कहा कि वह किसी को अपनी जानकारी न दे। लेकिन यह मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। कुछ समय बाद, एक डीएनए विशेषज्ञ ने जेना से संपर्क किया और टेस्ट की जानकारी मांगी।
जेना को यह सब अजीब लगा और उसने अपनी जानकारी देने से मना कर दिया। लेकिन कुछ दिनों बाद, उसकी मां का घबराया हुआ कॉल आया। मां ने कहा, जल्दी घर आओ। कुछ बहुत गंभीर हुआ है।
परिवार में मचा हड़कंप
जब जेना घर पहुंची, तो उसकी मां रो रही थी और उसका भाई सदमे में था। यह देखकर जेना भी घबरा गई। फिर मां ने जो बताया, उसने सबको हिला दिया।
पता चला कि 1997 में मरा हुआ नवजात शिशु जेना के परिवार से जुड़ा था। यह केस जेना की दादी नैन्सी गेरवाटोव्स्की से जुड़ा था।
ये भी पढ़े-सेना मुख्यालय में बदली गई तस्वीर कहती है नई कहानी, पाकिस्तान हो चुका ढेर चीन की अब नहीं खैर
दादी का गहरा राज
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि नैन्सी ने शादी से पहले एक बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे की दम घुटने से मौत हो गई थी। नैन्सी ने उसे अस्पताल ले जाने के बजाय, उसका शव शौचालय के पास फेंक दिया।
पुलिस ने यह भी कहा कि अगर बच्चे को समय पर इलाज मिला होता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी। लेकिन नैन्सी ने यह बात छिपाई और पुलिस से भी मदद नहीं मांगी।
दादी का बचाव और गिरफ्तारी
नैन्सी ने अपनी सफाई में कहा कि प्रसव के दौरान वह बेहोश हो गई थी और हालात खराब थे। लेकिन कोर्ट ने इसे सच्चाई मानने से इनकार कर दिया। सबूतों के आधार पर कोर्ट ने नैन्सी को दोषी करार दिया और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
जिंदगी का सबक
जेना ने यह टेस्ट केवल मजे के लिए करवाया था। उसे नहीं पता था कि इससे उसके परिवार का ऐसा गहरा और अंधेरा सच सामने आ जाएगा। यह घटना बताती है कि कभी-कभी छोटे-छोटे फैसले हमारी जिंदगी में कितने बड़े बदलाव ला सकते हैं।