Indian Army: भारतीय सेना में हर साल विभिन्न पदों पर भर्तियां होती हैं, जिनमें सिपाही से लेकर ऑफिसर तक शामिल हैं। इसके अलावा, सेना में वाशरमैन, बारबर और धार्मिक शिक्षकों जैसे ट्रेड्स के लिए भी भर्तियां की जाती हैं। धार्मिक शिक्षकों का मुख्य कार्य जवानों की धार्मिक परंपराओं को निभाना और उनकी आध्यात्मिक ज़रूरतों का ध्यान रखना है।
सेना में धार्मिक शिक्षक
सेना में धार्मिक शिक्षक जूनियर कमीशन अधिकारी (JCO) के रैंक पर होते हैं। इनका काम सैनिकों में एकता बढ़ाने, उनका मनोबल ऊंचा रखने और आध्यात्मिक शांति प्रदान करने से जुड़ा होता है। सभी धर्मों के लिए शिक्षकों की भर्ती की जाती है
हिंदू धर्म के लिए पंडित
सिख धर्म के लिए ग्रंथी
मुस्लिम धर्म के लिए मौलवी (शिया और सुन्नी अलग अलग)
ईसाई धर्म के लिए पादरी
बौद्ध धर्म के लिए भिक्षु
धार्मिक शिक्षक के कार्य
रेजिमेंट/यूनिट में धार्मिक कार्य संपन्न कराना।
सैनिकों के बीच एकता और सद्भाव बढ़ाना।
जवानों को आध्यात्मिक ज्ञान और मन की शांति प्रदान करना।
सैनिकों के लिए प्रार्थना सभा आयोजित करना।
नए जवानों को उनके धर्म के अनुसार शपथ दिलाना।
धार्मिक शिक्षक बनने के लिए आवश्यक योग्यता
उम्र सीमा
उम्मीदवार की उम्र 27 से 34 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
शैक्षणिक योग्यता
पंडित और पंडित (गोरखा)
हिंदू धर्म के उम्मीदवार संस्कृत में शास्त्री/आचार्य की डिग्री के साथ कर्मकांड में डिप्लोमा या मुख्य विषय पढ़े हों।
ग्रंथी
सिख धर्म के उम्मीदवार किसी भी विषय में ग्रेजुएट हों और पंजाबी में ज्ञानी हों।
मौलवी
मुस्लिम उम्मीदवार ग्रेजुएट हों और अरबी या उर्दू में आलिम या माहिर की डिग्री हो।
पादरी
ईसाई धर्म के उम्मीदवार ग्रेजुएट हों और चर्च से पीस्टहुड हासिल किया हो।
बौद्ध भिक्षु
बौद्ध धर्म के उम्मीदवार ग्रेजुएट हों और मठ से प्रमाणित पुजारी हों।
शारीरिक मापदंड और चयन प्रक्रिया
धार्मिक शिक्षक बनने के लिए सेना के सामान्य शारीरिक मानकों को पूरा करना आवश्यक है। चयन प्रक्रिया तीन चरणों में होती है
लिखित परीक्षा (CEE) उम्मीदवारों को यह परीक्षा पास करनी होती है।
फिजिकल और मेडिकल टेस्ट
लिखित परीक्षा पास करने के बाद यह टेस्ट(मेडिकल टेस्ट)पास करना होता है।
इंटरव्यू
अंतिम चरण में इंटरव्यू लिया जाता है। इंटरव्यू पास करने के बाद कैंडिडेट की नियुक्ति हो जाती है।
वेतन और भत्ते
धार्मिक शिक्षक (JCO) को भारतीय सेना में ₹35,400 से ₹1,12,400 तक का वेतन मिलता है। इसके साथ उन्हें कई प्रकार के भत्ते भी मिलते हैं, जैसे हाउस रेंट अलाउंस (HRA), मेडिकल सुविधाएं और ग्रेच्युटी।