Pilua Mahavir Temple : भारत में कई अद्भुत और चमत्कारी मंदिर हैं, लेकिन कुछ मंदिरों के बारे में ऐसी बातें सुनने को मिलती हैं, जिनका कोई सटीक वैज्ञानिक हल नहीं मिल पाता। इन्हीं में से एक है उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में स्थित पिलुआ महावीर मंदिर। यह मंदिर खासतौर पर हनुमानजी की मूर्ति के कारण जाना जाता है, जिसे लेकर स्थानीय लोगों और भक्तों के बीच कई अजीबोगरीब मान्यताएँ और चमत्कारी घटनाएँ प्रचलित हैं।
कहां स्थित है यह मंदिर
यह मंदिर इटावा शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर यमुना नदी के किनारे रूरा गांव में स्थित है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां हनुमानजी की मूर्ति की सांस लेने की आवाज सुनाई देती है। जी हां, यह सच है, भक्तों का कहना है कि जब आप इस मंदिर में जाते हैं और शांति से ध्यान लगाते हैं, तो आप हनुमानजी की सांसों की आवाज सुन सकते हैं। साथ ही, यहां राम नाम की ध्वनि भी सुनाई देती है, जिससे भक्तों को यह महसूस होता है कि हनुमानजी स्वयं उनके बीच मौजूद हैं।
हनुमान जी की अनोखी मुद्रा में है मूर्ति
पिलुआ महावीर मंदिर के प्रमुख महंत का कहना है कि हनुमानजी की इस मूर्ति का आकार और स्थिति बिल्कुल अनोखी है। खास बात यह है कि हनुमानजी की मूर्ति लेटी हुई है, जो शायद देश के किसी और मंदिर में नहीं है। इसके अलावा, इस मूर्ति के मुख में हमेशा पानी भरा रहता है। भक्तों के अनुसार, यहां चढ़ावा या प्रसाद डालने पर वह हमेशा मूर्ति के मुख में समा जाता है, लेकिन किसी को यह नहीं पता चलता कि वह प्रसाद कहां जाता है। यह एक बड़ा रहस्य बना हुआ है।
सुनाई देती है सांसों की आवाज
भक्तों के अनुसार हनुमान जी का जीवित रूप विराजमान हैं, और उनकी सांसों की आवाज सुनकर यह विश्वास और भी मजबूत होता है। यहां के भक्त यह भी दावा करते हैं कि मूर्ति से राम नाम की ध्वनि सुनाई देती है, जिससे उनका मानना है कि हनुमानजी उनके बीच मौजूद हैं और उनकी पूजा स्वीकार कर रहे हैं।
अद्भुत चमत्कारी स्थल
वैज्ञानिक हैरान
यह मंदिर सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह एक अद्भुत चमत्कारी स्थल भी बन चुका है। पिलुआ महावीर मंदिर के रहस्य पर आज तक वैज्ञानिक भी कोई ठोस हल नहीं ढूंढ़ पाए हैं। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक ऐसी जगह है, जहां भगवान की दिव्य उपस्थिति का एहसास होता है और जहां हर दिन चमत्कारी घटनाएँ घटती रहती हैं।
क्यों खास है पिलुआ महावीर मंदिर
पिलुआ महावीर मंदिर का रहस्य केवल हनुमानजी की मूर्ति तक सीमित नहीं है। यहां की मूर्ति की खासियत यह है कि यह जीवित जैसी लगती है और भक्तों को महसूस होता है कि हनुमानजी वास्तव में यहां मौजूद हैं। यह मंदिर उन लोगों के लिए एक विशेष आकर्षण है, जो चमत्कारी घटनाओं पर विश्वास रखते हैं और अपने जीवन में भगवान के आशिर्वाद की तलाश करते हैं।
स्थानीय लोग और भक्त यहां आते हैं, न केवल पूजा अर्चना के लिए, बल्कि इस अनोखी घटना का अनुभव करने के लिए भी। हनुमानजी के प्रति अटूट श्रद्धा रखने वाले भक्त मानते हैं कि यहां हनुमानजी उनके साथ हैं और उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी कर रहे हैं।