Sambhal waqf property Dispute: संभल में वक्फ संपत्ति के नाम पर विवाद गहराता जा रहा है। शाही जामा मस्जिद, प्राचीन श्री कल्कि विष्णु मंदिर समेत संभल सदर के 4 किलोमीटर क्षेत्र को वक्फ संपत्ति बताने वाले दस्तावेज जिला प्रशासन की जांच में फर्जी पाए गए हैं। सत्यव्रत पुलिस चौकी निर्माण स्थल को लेकर सौंपे गए अभिलेखों के आधार पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
विवाद की शुरुआत
शाही जामा मस्जिद के सामने सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण कार्य जारी है। AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस स्थान को वक्फ की संपत्ति बताते हुए दावा पेश किया था। इसके बाद, 30 दिसंबर को समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल जिला प्रशासन से मिला और वक्फ से संबंधित दस्तावेज सौंपे। इन दस्तावेजों में पुलिस थाने, डाक घर, तहसील, और अन्य सरकारी स्थानों को वक्फ संपत्ति बताया गया।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया, जिसमें एसडीएम, सीओ और नगर पालिका के ईओ शामिल थे। समिति ने दस्तावेजों की जांच की और पाया कि सभी कागजात फर्जी हैं।
Sambhal पुलिस कार्रवाई
जांच के बाद शुक्रवार को पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467, 468, और 471 के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि जिन लोगों ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं, उनकी पहचान कर जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
जांच में यह भी सामने आया कि 52 बीघा जमीन को वक्फ संपत्ति के नाम पर बेचने की कोशिश की गई थी। पुलिस इस मामले में भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ऐसे किसी भी फर्जी दावे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Sambhal प्रशासन का सख्त रुख
Sambhal जिला प्रशासन और पुलिस ने वक्फ संपत्ति से जुड़े सभी विवादित मामलों की गहन जांच करने का निर्देश दिया है। साथ ही, जनता को फर्जी दावों से सतर्क रहने और किसी भी गड़बड़ी की सूचना प्रशासन को देने की अपील की गई है।
संभल में इस विवाद ने धार्मिक और राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। प्रशासन का सख्त रुख इस बात का संकेत है कि फर्जी दस्तावेज बनाने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी।