Business news : भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) पांच कंपनियों की संपत्तियों की नीलामी करेगा, जिनमें रवि किरण रियल्टी इंडिया, मंगलम एग्रो प्रोडक्ट्स और पुरुषत्तम इन्फोटेक इंडस्ट्रीज शामिल हैं। यह नीलामी ₹28.66 करोड़ के आरक्षित मूल्य पर आयोजित की जाएगी। ये संपत्तियां पश्चिम बंगाल और ओडिशा में स्थित आवासीय संपत्तियां, फ्लैट्स, भूखंड और इमारतों सहित विभिन्न प्रकार की हैं।
क्यों हो रही है यह नीलामी
यह नीलामी इन कंपनियों और उनके प्रवर्तकों/निदेशकों के खिलाफ वसूली कार्यवाही के तहत की जा रही है। ये कंपनियां निवेशकों से सही प्रक्रिया का पालन किए बिना धन जुटाने के कारण SEBI के निर्देशों का उल्लंघन कर चुकी हैं। 19 दिसंबर को SEBI द्वारा जारी किए गए एक नोटिस के अनुसार, नीलामी में कुल 28 संपत्तियां शामिल हैं, जिनमें से 17 विशाल समूह से संबंधित हैं, 6 मंगलम एग्रो प्रोडक्ट्स, 3 सुमंगल इंडस्ट्रीज और एक-एक पुरुषत्तम इन्फोटेक इंडस्ट्रीज और रवि किरण रियल्टी इंडिया से जुड़ी हैं।
नीलामियों का मकसद
इन संपत्तियों की नीलामी SEBI के प्रयासों का हिस्सा है, जिनका उद्देश्य निवेशकों से जमा धन को वसूल करना और बाजार के नियमों का पालन सुनिश्चित करना है।
कब होगी यह नीलामी
नीलामी के लिए एड्रोइट टेक्निकल सर्विसेज को सहायता के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नीलामी ऑनलाइन 27 जनवरी, 2025 को सुबह 11:00 बजे से 1:00 बजे तक आयोजित की जाएगी।
नियम विरुद्ध जुटाई थी रकम
इन कंपनियों ने बिना नियमों का पालन किए निवेशकों से बड़ी रकम जुटाई थी। उदाहरण के तौर पर, मंगलम एग्रो प्रोडक्ट्स ने 2011-2012 के दौरान लगभग 4,820 निवेशकों को सुरक्षित गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (NCDs) जारी कर ₹11 करोड़ जुटाए थे। इसी तरह, सुमंगल इंडस्ट्रीज ने अवैध रूप से ₹85 करोड़ जुटाए थे। विशाल डिस्टिलर्स, विशाल एग्री बायो इंडस्ट्रीज और विशाल हॉर्टिकल्चर एंड एनिमल प्रोजेक्ट्स ने क्रमश, ₹3 करोड़, ₹2.84 करोड़ और ₹4 करोड़ की राशि जुटाई थी। ये धनराशि 2006 से 2014 के बीच जुटाई गई थी।
क्या है इसका प्रभाव
यह कदम न सिर्फ कर्जदाताओं के लिए, बल्कि भारतीय वित्तीय बाजार के लिए भी अहम है। इससे यह संकेत मिलता है कि भारतीय नियामक तंत्र अधिक पारदर्शी और जवाबदेह हो रहा है, और बाजार में संकटग्रस्त कंपनियों की संपत्तियों का ठीक से निपटारा किया जा रहा है। यह नीलामी प्रक्रिया उन कंपनियों के लिए एक चेतावनी है, जो अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में विफल रहती हैं।
सेबी ने क्यों लिया फैसला
SEBI द्वारा लिया गया यह कदम निवेशकों की राशि वसूल करने और कंपनियों द्वारा किए गए उल्लंघनों के खिलाफ कार्रवाई का हिस्सा है। संपत्तियों की नीलामी के माध्यम से SEBI उम्मीद करता है कि कुछ राशि वसूली जा सकेगी और निवेशकों को नुकसान की भरपाई हो सकेगी।