• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Friday, August 15, 2025
news 1 india
  • Login
  • Home
  • News
    • Politics
    • Business
    • World
    • Science
  • Entertainment
    • Gaming
    • Music
    • Movie
    • Sports
  • Tech
    • Apps
    • Gear
    • Mobile
    • Startup
  • Lifestyle
    • Food
    • Fashion
    • Health
    • Travel
No Result
View All Result
news 1 india
No Result
View All Result
Home Latest News

Mahakumbh 2025: कौन है वह ठेकेदार, जिन्होंने प्रयागराज महाकुंभ में खड़ा कर दिया तंबुओ का शहर

Lallu Ji Tent House prepared tent city in Prayagraj Mahakumbh: लल्लू जी टेंट हाउस पिछले 104 सालों से कुंभ से लेकर महाकुंभ में रेत के किनारे टेंट सिटी बनाना आ रहा है, 2024 में भी रेत में बसाया शही।

by Vinod
January 14, 2025
in Latest News, TOP NEWS, उत्तर प्रदेश, प्रयागराज, महाकुंभ 2025
0
491
SHARES
1.4k
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

प्रयागराज ऑनलाइन डेस्क। Lallu Ji Tent House prepared tent city in Prayagraj Mahakumbh संगमनगरी प्रयागराज महाकुंभ 2025 को लेकर सज-धज कर तैयार है। साधू-सन्यासी त्रिवेणी की रेत में बनी टेंट सिटी में आकर महादेव की अराधना में जुटे हैं। साथ ही 13 जनवरी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश की योगी सरकार भी महापर्व को लेकर सजग है और अब तक की सबसे बेहतरीन सुविधाएं महाकुंभ में आने वालों को मिलेंगी। यहां आने वाले भक्तों जहां हठयोगियों के दर्शन कर रहे हैं तो वहीं नदी तट के किनारे बनाई गए टेंट सिटी भी उनको भा रही है। जिसका निर्माण लल्लू जी टेंट हाउस ने किया है। यहां के स्विस कॉटेज में डीलक्स, सुपर डीलक्स और लग्जरी विकल्प मौजूद हैं, जिसमें लॉन, ड्राइंग रूम, बेडरूम और डिजाइनर बाथरूम शामिल हैं। महाकुंभ के लिए 2000 से अधिक स्विस कॉटेज बनाए गए हैं, जो लैंप की रोशनी से जगमगाते हैं।

महाकुंभ 40 वर्ग किलोमीटर एरिया में बसा

प्रयागराज में संगम की रेत पर टेंट सिटी लगभग-लगभग बन कर खड़ी हो चुकी है। रेत पर करीब एक लाख से अधिक टेंट लगाए गए हैं, जिनमें सामान्य से लेकर लग्जरी टेंट भी हैं। इनकी क्षमता 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं की है। टेंट सिटी बसाने के लिए 68 लाख बल्लियों को लगाया गया है। अगर इन्हें जोड़ा जाए तो तो इनकी लंबाई संगम से अमेरिका की दूरी से डेढ़ गुना ज्यादा होगी। महाकुंभ 40 वर्ग किलोमीटर एरिया में बसा है। सड़क के दोनों किनारे बांस-बल्लियों, रस्सियों के साथ ही टेंट के कपड़ों का एक पहाड़ बनकर तैयार है। हर इक्विपमेंट पर ’लल्लू जी एंड संस’ का ब्रांड नेम छपा था। यहीं पर लल्लू जी एंड संस का गोदाम है। सड़क किनारे महिलाएं-पुरुष टेंट सिलने और फटे हुए कपड़ों में पैबंद लगाने के काम में जुटे थे।

Related posts

Sunita Ahuja

गोविंदा की पत्नी सुनीता आहूजा ने किया ब्लॉगिंग में धमाकेदार डेब्यू, फराह खान ने यूं किया रिएक्ट

August 15, 2025
Kishtwar

’10 लाशें हमने खुद निकाली, लोग अब भी दबे हैं…’ किश्तवाड़ त्रासदी की दर्दनाक दास्तां

August 15, 2025

एशिया के सबसे बड़ी टेंट कंपनी बनी

प्रयागराज महाकुंभ में टेंट सिटी के निर्माण का ठेका लल्लू जी टेंट हाउस को मिला हुआ है। कुंभ मेला, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी या बड़े खेल आयोजनों की बात करें, लल्लू जी टेंट हाउस का नाम सबसे पहले सामने आता है। हर बड़े आयोजन की सफलता के पीछे इस कंपनी का हाथ होता है। यह कंपनी अब एशिया के सबसे बड़े टेंट हाउस के रूप में पहचानी जाती है। लल्लूजी से जुड़े डेरावाले को पुलिस डिपार्टमेंट के सभी टेंट लगाने की जिम्मेदारी मिली है। लल्लूजी डेरावाले के प्रमुख राजीव अग्रवाल बताते हैं, मेले में 56 थाने और 144 चौकियों को बनाने की जिम्मेदारी हमें मिली है। इसके अलावा प्रशासन से जुड़े ऑफिस और अस्थायी टेंट भी हम ही लगा रहे हैं। मेला अधिकारी जो भी काम देते हैं, हम उसे बेहतर करने की कोशिश करते हैं।

1918 में रखी थी लल्लू टेंट हाउस की नींव

लल्लू जी टेंट हाउस की नींव 1918 में बाल गोविंद दास लल्लूजी द्वारा वाराणसी से इलाहाबाद (अब प्रयागराज) स्थानांतरित होकर रखी गई थी। शुरुआत में, यह कंपनी केवल तिरपाल और टेंट के निर्माण और किराए पर देने का काम करती थी। 1920 में, बाल गोविंद दास ने माघ मेले में पहली बार तंबू लगाने का कार्य किया और उनके प्रयासों ने सफलतापूर्वक इसे एक बड़ा व्यवसाय बना दिया। आज उनकी पांचवी पीढ़ी इस व्यवसाय को चला रही है। कुंभ मेले के आयोजनों में यह कंपनी तंबू, बांस-बल्लियां, कुर्सियां और अन्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करती है, जो इस विशाल आयोजन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक होती हैं। पिछले 104 सालों से लल्लू जी टेंट आउस ने कुंभ के सभी आयोजनों को सफलता पूर्वक अंजाम दिया।

डेढ़ साल पहले से शुरू कर देते हैं कार्य

लल्लू जी टेंट हाउस ने महाकुंभ को लेकर डेढ़ साल पहले से तैयारियां शुरू का दी थी। मानसून खत्म होते ही संगम क्षेत्र में निर्माण कार्य शुरू कर दिया। महाकुंभ सिटी में इनके जरिए बनाए गए टेंट में विविधताएं हैं। फाइव स्टार सुविधाओं वाले टेंट, वाटरप्रूफ पॉलीथिन लेयर वाले टेंट, और ठंड से बचाने के लिए इंसुलेटेड टेंट। लल्लू जी टेंट हाउस ने न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बनाई है। गुजरात के कच्छ में रण उत्सव, स्टैचू ऑफ यूनिटी के पास लक्ज़री कॉटेज, और उड़ीसा के कोणार्क और हीरापुर में पर्यटन विस्तार के लिए टेंट सिटी का निर्माण इसके द्वारा किया गया है। इसके अलावा, नेपाल और भूटान में धार्मिक आयोजनों और पर्यटन उत्सवों के लिए भी इसने टेंट सिटी बनाई है, और मध्य एशिया के अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भी तंबू और अस्थायी संरचनाएं मुहैया करवाई हैं।

5000 से अधिक मजदूर तैयार कर रहे टेंट सिटी

लल्लू जी टेंट हाउस के कारण प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। हर महाकुंभ और अन्य बड़े आयोजनों में लगभग 5,000 से अधिक मजदूर और कारीगर काम करते हैं। कपड़ा, रस्सी, और अन्य सामानों की आपूर्ति के लिए स्थानीय बाजारों पर निर्भरता भी है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाती है। टेंट सिटी का निर्माण कर रहे 60 साल के मजदूर रामबचन ने बताया, यह काम हम तब से कर रहे हैं, जब हमें सिर्फ 10 रुपए मिलते थे। अब हमारी उम्र 60 साल हो गई है। रोजाना 500 रुपए मिल रहे हैं। कुलदीप ने बताया, हम पिछले ढाई महीने से इन कपड़ों से टेंट बना रहे हैं। ये टेंट सूती और टेरीकॉट के कपड़े को मिलकर बनाया जा रहा है। बारिश से बचने के लिए इसमें पॉलीथिन की लेयर लगाई जाएगी।

6 माह में तैयार हुई टेंट सिटी

’लल्लूजी एंड संस’ के मैनेजिंग पार्टनर दीपांशु अग्रवाल ने मीडिया को बताया, 2019 की तुलना में इसबार का महाकुंभ 800 हेक्टेयर से अधिक बड़ा है। दीपांशु आगे बताते हैं, संपूर्ण टेंट सिटी को बसाने में करीब 6 महीने का समय लगता है। संगम एक ऐसा क्षेत्र है, जो 3 महीने तक पानी में डूबा रहता है। पानी हटने के बाद इसके निर्माण का काम शुरू होता है। इसमें स्टोर बनाना, टीनशेड से एरिया को बांटना, सामान को मेला क्षेत्र में लाने का कम शुरू हो जाता है। दीपांशु बताते हैं, इस बार वे एक ऐसी टेंट सिटी का निर्माण कर रहे हैं, जो फाइव स्टार होटल को भी मात दे सकेगी। बता दें, 2019 में कराए गए कुंभ में लल्लूजी एंड संस ने अस्थायी नगर को बसाने का काम किया था। तकरीबन 32 वर्ग किलोमीटर के दायरे में बसी कुंभ नगरी का यानी 70 फीसदी से अधिक क्षेत्रफल में लल्लूजी एंड संस ने ही टेंट, टिन का शहर बसाने का काम किया था।

Lallu Ji Tent House prepared tent city in Prayagraj Mahakumbh 2025 in up hindi news

Tags: Lallu Ji Tent Housemahakumbh 2025Prayagraj Tent City
Share196Tweet123Share49
Previous Post

Health tips: क्या कैल्शियम की कमी से दांत कमजोर हो सकते हैं? जानिए इसके बारे में

Next Post

महाकुंभ में सामने आई इन स्पेशल 6 हठयोगियों की अद्भुत लीला, प्रयागराज में गूंज रही संतों की भक्ति और संकल्प की गाथा

Vinod

Vinod

Next Post
महाकुंभ में सामने आई इन स्पेशल 6 हठयोगियों की अद्भुत लीला, प्रयागराज में गूंज रही संतों की भक्ति और संकल्प की गाथा

महाकुंभ में सामने आई इन स्पेशल 6 हठयोगियों की अद्भुत लीला, प्रयागराज में गूंज रही संतों की भक्ति और संकल्प की गाथा

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

news 1 india

Copyright © 2017 JNews.

Navigate Site

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • Home
  • News
    • Politics
    • Business
    • World
    • Science
  • Entertainment
    • Gaming
    • Music
    • Movie
    • Sports
  • Tech
    • Apps
    • Gear
    • Mobile
    • Startup
  • Lifestyle
    • Food
    • Fashion
    • Health
    • Travel

Copyright © 2017 JNews.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

Go to mobile version