नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2025 में पहली बार किसी पॉडकास्ट में हिस्सा लिया है। जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत ने पॉडकास्ट में उनसे बातचीत की। 9 जनवरी को यू-ट्यूब पर इसका ट्रेलर जारी किया है। शुक्रवार को इसी प्लेटफॉर्म पर पॉडकास्ट का पूरा वीडियो रिलीज किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस पॉडकास्ट के दौरान खुलकर बोले। हर प्रश्न का जवाब दिया। उन्होंने स्वीकार किया कि उनसे भी कई मामलों में गलती हो जाती है। पीएम मोदी कहते हैं, ‘मैं भी इंसान हूं, ‘कोई देवता नहीं, ‘इसलिए मुझसे भी गलतियां होती हैं’। हां मैं मेहनत से मोहब्बत करता हूं। मेहनत ही मेरी कमाई है।
मुख्यमंत्री बना, तो एक इच्छा जागी
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मौके गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में दिए गए अपने भाषण को याद किया। जिसमें उन्होंने कहा था कि वह बुरे इरादों के साथ कभी कुछ भी नहीं करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, मैंने बचपन में बहुत कम समय में घर छोड़ दिया। सबकुछ छोड़ दिया था। उसके बाद मेरा किसी से कोई संपर्क नहीं था। किसी से कोई लेनादेना नहीं था। जब मैं मुख्यमंत्री बना, तो एक इच्छा जागी। पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे, तो उनकी इच्छा थी कि वह अपने स्कूल के सभी दोस्तों को अपने सीएम हाउस बुलाए। मैंने उन सभी को आमंत्रित भी किया।
मेहनत ही मेरी मोहब्बत
पीएम नरेंद्र मोदी आगे कहते हैं कि, वास्तव में अपने छोड़े गए पल को दोबारा जीना चाहता था, लेकिन मुझे इसमें मजा नहीं आया। क्योंकि मैं उनमें अपने दोस्तों को खोजने की कोशिश कर रहा था, जबकि वे मुझे सीएम के रूप में देख रहे थे। ये खाई मिटी नहीं। मेरी जिंदगी में ’तू’ कहने वाला कोई बचा ही नहीं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, सीएम बनते ही मैंने एक भाषण दिया, जिसमें मैंने कहा कि मैं कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटूंगा। मैं अपने लिए कुछ नहीं करूंगा। मैं इंसान हूं, जो गलतियां कर सकता हूं। लेकिन काम करता रहूंगा। कभी भी कुछ भी बुरे इरादे से नहीं करूंगा। यह मेरे जीवन का मंत्र है। मेहनत ही मेरी मोहब्बत है और जनसेवा पूंजी।
गोधरा कांड का सुनाया किस्सा
गुजरात में फरवरी 2002 में हुए गोधरा दंगे पर पीएम नरेंद्र मोदी मोदी ने खुलकर बात की है। उन्होंने कहा, मैं 24 फरवरी 2002 को पहली बार विधायक बना। विधायक बने तीन दिन भी नहीं हुए थे कि अचानक गोधरा कांड हो गए। मैंने तत्काल कहा कि मैं गोधरा जाना चाहता हूं। मैं कहा कि पहले हम बड़ोदरा जाएंगे और वहां से हेलिकॉप्टर लेंगे। मुझे बताया गया कि हेलिकॉप्टर नहीं है। फिर एक सिंगल इंजन वाला हेलिकॉप्टर मिला। मुझे कहा गया कि जो हेलिकॉप्टर है, उससे वीवीआई को नहीं ले जाया जा सकता। मैंने उन लोगों से झगड़ा किया कि मैं कोई वीवीआईपी नहीं हूं। मैं सामान्य आदमी हूं। मैं लिखकर देता हूं कि अगर कुछ होता है, तो मेरी जिम्मेदारी होगी। मैंने अपनी आंखों से गोधरा की सच्चाई देखी।
लेकिन गाड़ी का इंजन बंद था
पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि उन्होंने अभी तक अपन जोखिम उठाने की क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने बताया कि उनके पास रिस्क लेने की क्षमता बहुत अधिक है। इसी के साथ उन्होंने उन्होंने एक किस्सा सुनाया। यह किस्सा उस समय का है जब पीएम मोदी आरएसएस में काम करते थे और गाड़ी चलाना सीख रहे थे। ढलान देखकर उन्होंने गाड़ी का इंजन बंद कर दिया, क्योंकि उन्हें लगा कि ढलान में गाड़ी खुद ही नीचे चली जाएगी और इंजन बंद करने से पेट्रोल की बचट होगी। पीएम मोदी ने कहा, “मुझे ज्ञान नहीं था, गाड़ी असंतुलित होने लगी और तेजी से नीचे की जाने लगी। मैं ब्रेक लगाने लगा, लेकिन गाड़ी का इंजन बंद था। मेरे बगल वालों को भी मालूम नहीं चला कि मैंने क्या किया।
अनुभवों से ही जिंदगी सवरती है
पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे बताया कि अनुभवों से सिखने का मौका मिलता है। अनुभवों से ही जिंदगी सवरती है। पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने कभी किसी कंफर्ट जोन में जिंदगी नहीं बिताई। हमेशा कंफर्ट जोन के बाहर ही रहे, इसलिए उन्हें मालूम है कि कहां कैसे जिंदगी गुजारनी है। उन्होंने खुद को कंफर्ट जोन के लिए अनफिट बताया। पीएम मोदी ने कहा, “अगर एक उद्योगपति भी कंफर्ट जोन से बाहर नहीं आता है तो उसका कंफर्ट जोन का लेवल अलग होगा। एक समय के बाद वह खत्म हो जाएगा उसको अपने कंफर्ट जोन से बाहर आना ही पड़ेगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, जो जीवन के किसी भी क्षेत्र में प्रगति करना चाहता है, उसे कंफर्ट जोन का आदी नहीं बनना चाहिए। रिस्क लेने कि उसकी मनोभूमिका हनेशा उसकी ड्राइविंग फोर्स होती है।