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Home राष्ट्रीय

History of Red Fort : शाहजहां का सफेद किला कैसे बन गया दिल्ली का मशहूर लाल किला ,जानते हैं इतिहास के पन्नों से

लालकिला पहले सफेद रंग का था और इसे शाहजहां ने संगमरमर और चूने से बनवाया था। 1857 के बाद अंग्रेजों ने इसकी जर्जर दीवारों की मरम्मत करते हुए इसे लाल रंग से रंगवा दिया। लाल रंग दीवारों को मजबूत बनाने और इसे संरक्षित रखने के लिए चुना गया था।

by SYED BUSHRA
January 15, 2025
in राष्ट्रीय
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History and transformation of Red Fort
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History and transformation of Red Fort : दिल्ली का लालकिला न केवल भारत की शान है, बल्कि यह भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर यहां परंपरागत रूप से झंडा फहराया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह किला पहले सफेद हुआ करता था जी हां, शाहजहां के समय में यह किला सफेद रंग का था, जो अब लाल रंग में दिखाई देता है। यह जानकारी आपको थोड़ी हैरान कर सकती है, लेकिन ऐसा सच में हुआ था। आज हम आपको बताएंगे कि किसने और क्यों लालकिला का रंग बदलवाया।

लालकिले का निर्माण

मुगल सम्राट शाहजहां ने 1638 में लालकिले का निर्माण शुरू किया था। यह किला दिल्ली के पुराने शहर में स्थित है और मुगलों के वास्तुशिल्प का अद्वितीय उदाहरण है। किले की दीवारें और इमारतें सफेद रंग की थीं। इसका निर्माण सफेद संगमरमर और चूने से हुआ था, जिससे किले को एक सुंदर और भव्य रूप मिला था। उस समय के वास्तुकारों ने इसे मुगली वास्तुकला की शान के रूप में तैयार किया था, जो भारतीय और इस्लामी शिल्प कला का एक अद्भुत मिश्रण था। किले की भव्यता और सुंदरता का कोई जोड़ नहीं था। लेकिन समय के साथ इसकी बनावट और रंग में बदलाव आना शुरू हुआ।

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सफेद से लाल कैसे हुआ

1857 में भारत में पहले स्वतंत्रता संग्राम के बाद जब अंग्रेजों ने मुगलों के खिलाफ लड़ाई जीत ली, तो उन्होंने दिल्ली और इसके किलों पर कब्जा कर लिया। उस समय किले की दीवारें सफेद चूने से बनी थीं और समय के साथ वे जर्जर हो गई थीं। ब्रिटिश शासन के दौरान किले के संरक्षण पर ध्यान दिया गया और कई बदलाव किए गए। किले की मरम्मत की गई, लेकिन सफेद चूने से बनी दीवारों ने अपनी मजबूती खो दी थी। इसके कारण, किले की सुंदरता और संरचना को बनाए रखने के लिए अंग्रेजों ने इसे लाल रंग से रंगवा दिया।

लाल रंग क्यों चुना गया

अंग्रेजों ने किले को लाल रंग से रंगने का निर्णय इसलिए लिया था, क्योंकि उस समय लाल बलुआ पत्थर एक मजबूत और टिकाऊ निर्माण सामग्री मानी जाती थी। लाल पत्थर की दीवारों से न केवल किले को मजबूती मिली, बल्कि यह मौसम के प्रभाव से भी सुरक्षित रहा। इसके अलावा, लाल रंग उस समय के निर्माण के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त माना गया था। इस बदलाव ने किले को एक नया रूप दिया और उसकी संरचना को अधिक मजबूत बना दिया। इस निर्णय के बाद किले की मरम्मत की गई और उसे एक नए रंग में देखा गया।

आज का लालकिला

आज का लालकिला न सिर्फ भारत का ऐतिहासिक प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक बन चुका है। यह किला देशभक्ति और भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। हर साल लाखों लोग इसे देखने आते हैं और यहां की भव्यता, इतिहास और संस्कृति को महसूस करते हैं। लालकिला भारतीय जनता के लिए गर्व का प्रतीक बन चुका है, और यह देश के इतिहास में एक अहम स्थान रखता है।

यह किला आज भी अपनी पुरानी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व को बनाए हुए है। हर साल स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रधानमंत्री यहां झंडा फहराते हैं, जो भारतीयों के लिए एक गर्व का पल होता है। इसके अलावा, यह किला अब भी पर्यटन का प्रमुख स्थल है, जहां पर्यटक भारतीय इतिहास और वास्तुकला को समझने के लिए आते हैं।

Tags: Mughal architectureRed Fort historyShahjahan's Red Fort
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