Vivek Ramaswamy News: अमेरिका के भारतीय-अमेरिकी राजनेता विवेक रामास्वामी ने डोनाल्ड ट्रंप के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) से इस्तीफा दे दिया है। यह कदम उन्होंने ओहियो के गवर्नर पद के चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए उठाया है। हालांकि, उन्होंने अभी तक गवर्नर पद के लिए अपनी आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
DOGE से इस्तीफे की वजह
सोमवार को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली, और रामास्वामी के DOGE से बाहर होने की खबर उसी दिन आई। रामास्वामी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि DOGE के निर्माण में उनका योगदान सम्मान की बात थी। उन्होंने विश्वास जताया कि एलन मस्क और उनकी टीम इस परियोजना को सफल बनाएंगे। साथ ही, उन्होंने ओहियो में अपनी भविष्य की योजनाओं की चर्चा की, जिसमें ट्रंप की मदद से अमेरिका को फिर से महान बनाने की प्रतिबद्धता भी शामिल है।
Vivek Ramaswamy की राजनीति में नई दिशा
व्हाइट हाउस की ओर से भी रामास्वामी की सराहना की गई, और कहा गया कि वह DOGE के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद अब गवर्नर पद के चुनाव में उतरने की योजना बना रहे हैं। यदि वह गवर्नर बनते हैं, तो ओहियो के पहले भारतीय-अमेरिकी गवर्नर बनेंगे। अब तक केवल तीन भारतीय-अमेरिकी गवर्नर बने हैं—लुइसियाना के बॉबी जिंदल और साउथ कैरोलिना की निक्की हेली, जो दोनों रिपब्लिकन पार्टी से हैं।
ट्रंप के लिए बढ़ी मुश्किलें, मुकदमे का सामना
Vivek Ramaswamy के इस्तीफे के बाद, ट्रंप के सामने नई मुश्किलें भी आईं। उनके शपथ ग्रहण के कुछ ही घंटों बाद, अमेरिकन फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट एम्पलॉइज (AFGE) और पब्लिक सिटिजन ने DOGE योजना को लेकर उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया। AFGE का आरोप है कि DOGE योजना सरकारी कर्मचारियों की नौकरियों को खतरे में डाल सकती है। मस्क के नेतृत्व में इस योजना का उद्देश्य सरकारी खर्चों में 2 ट्रिलियन डॉलर की कटौती करना है, जिसके कारण सरकारी कर्मचारियों में डर फैल गया है।
एलन मस्क की भूमिका
DOGE योजना में एलन मस्क की भूमिका को लेकर भी चिंता जताई जा रही है। मस्क के खिलाफ आलोचनाएं हैं कि उनकी योजनाएं सरकारी कर्मचारियों के हितों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। AFGE ने कोर्ट से अपील की है कि DOGE को सलाहकार समिति के रूप में काम करने से रोका जाए, जब तक यह संघीय नियमों का पालन नहीं करती।
इस तरह, विवेक रामास्वामी का DOGE से इस्तीफा न सिर्फ उनके राजनीतिक भविष्य की दिशा को स्पष्ट करता है, बल्कि ट्रंप प्रशासन के सामने आने वाली नई चुनौतियों को भी उजागर करता है।