Crime News:कासगंज रिटायर्ड एडीएम राजेंद्र प्रसाद कश्यप की हत्या के मामले में पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर खुलासा कर दिया। इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाला और कोई नहीं, बल्कि उनका नौकर निकला। नौकर ने चोरी की घटनाओं को छिपाने के लिए लोहे के सब्बल से उनके सिर पर वार करके उनकी हत्या कर दी।
हत्या के तुरंत बाद ही पुलिस ने नौकर धर्मेंद्र कश्यप को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी थी। पूछताछ के दौरान उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
हत्या की जांच के लिए बनाई गई टीम
एसपी अंकिता शर्मा ने इस केस की जांच की जिम्मेदारी सदर कोतवाली पुलिस, क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम को दी थी। एएसपी राजेश भारती और सीओ आंचल चौहान इस पूरे मामले की निगरानी कर रहे थे। एसपी ने बताया कि आरोपी धर्मेंद्र कश्यप नगला कंचन का रहने वाला है और रिटायर्ड एडीएम के परिवार का रिश्तेदार भी है।
चोरी की वारदातों ने खोला राज
एसपी ने बताया कि रिटायर्ड एडीएम के गेस्ट हाउस में पिछले कुछ समय से लगातार चोरी की घटनाएं हो रही थीं। इन चोरियों को खुद नौकर ही अंजाम दे रहा था। चोरी की वारदातों का राज खुलने के डर से उसने हत्या कर दी।
पुलिस ने गेस्ट हाउस से चोरी किए गए सामान जैसे इन्वर्टर, बड़े बैटरे आदि बरामद कर लिए हैं। हत्या में इस्तेमाल किया गया लोहे का सब्बल भी बरामद कर लिया गया है।
गाजियाबाद जाने के बाद हुई थी चोरी
27 दिसंबर को रिटायर्ड एडीएम राजेंद्र कश्यप अपने गाजियाबाद वाले घर गए थे। उनकी गैरमौजूदगी में नौकर ने गेस्ट हाउस से बैड, गद्दे और अन्य सामान चोरी कर लिए। चोरी का सामान बेचने के बाद उसने खरीदार को किसी को नाम न बताने की धमकी भी दी।
परिवार को नौकर पर नहीं था शक
रिटायर्ड एडीएम के बेटे शुभम कश्यप और परिवार के अन्य सदस्यों को नौकर धर्मेंद्र पर बिल्कुल भी शक नहीं था। शुभम ने जो तहरीर पुलिस को दी, उसमें चोरी का जिक्र तो था लेकिन उन्होंने नौकर पर कोई शक नहीं जताया। शुभम ने चोरी का शक पुष्पेंद्र नाम के युवक पर जताया था, जो जांच के दौरान गलत साबित हुआ।