Republic Day Fact: जनवरी हमारे देश के इतिहास का एक खास दिन है। इसी दिन 1950 में हमारा संविधान लागू हुआ और भारत एक गणराज्य बन गया। यह दिन भारतीय लोकतंत्र, स्वतंत्रता और समानता का प्रतीक है। हर साल इस मौके पर भव्य परेड होती है, जिसमें हमारी सेना और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया जाता है।इस दिन का मतलब सिर्फ एक उत्सव से नहीं है, बल्कि यह हमें याद दिलाता है कि भारतीय लोकतंत्र कितनी मेहनत और त्याग के बाद बना है। चलिए, इस दिन से जुड़े कुछ खास और कम ज्ञात तथ्यों पर नजर डालते हैं।
26 जनवरी क्यों खास है
1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) की घोषणा की थी। इसी कारण 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया। यह दिन न सिर्फ ऐतिहासिक है, बल्कि हमारी आजादी की लड़ाई की याद दिलाता है।
भारतीय संविधान
भारतीय संविधान बनाने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का वक्त लगा। इसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया, लेकिन इसे लागू 26 जनवरी 1950 को किया गया। यह हमारे देश के लोकतंत्र की नींव है।
पहली गणतंत्र दिवस परेड
पहली गणतंत्र दिवस परेड 1950 में दिल्ली के इरविन स्टेडियम (अब मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम) में हुई थी। इसमें 3,000 से ज्यादा सैनिकों और 100 से ज्यादा विमानों ने हिस्सा लिया था।
विदेशी मुख्य अतिथि की परंपरा
हर साल गणतंत्र दिवस पर एक विदेशी मेहमान को बुलाने की परंपरा है। 1950 में पहले मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे। इस परंपरा से भारत की कूटनीतिक ताकत का भी प्रदर्शन होता है।
गांधीजी की पसंदीदा धुन
परेड के समापन पर ‘एबाइड विद मी’ धुन बजाई जाती है। यह महात्मा गांधी की पसंदीदा धुनों में से एक थी और इसे सुनना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।
परेड की तैयारी
परेड की तैयारी जुलाई में ही शुरू हो जाती है। इसमें भाग लेने वाले सैनिक और कलाकार लगभग 600 घंटे अभ्यास करते हैं। परेड के दिन सभी सुबह 3 बजे ही स्थल पर पहुंच जाते हैं।
बच्चों को वीरता पुरस्कार
गणतंत्र दिवस के दिन बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। ये बच्चे समाज के लिए अद्भुत काम करते हैं और देश का नाम रोशन करते हैं।