कानपुर ऑनलाइन डेस्क। यूपी के चंबल और बीहड़ में एक से बड़कर एक डकैत हुए, जिनके नाम से आजमन ही नहीं बल्कि खाकी भी खौफ खाती थी। इनमें से महिला डाकू भी थीं, जो पुलिस को सीधी चुनौती दिया करती थीं। पुतलीबाई, फूलनदेवी, कुसुमा नाइन के बाद सीमा परिहार ऐसे चौथी लेडी डकैत थी, जिसकी तूती यूपी, एमपी और राजस्थान में बोला करती थी। सीमा ही वह डकैतन है, जिसने बीहड़ में बच्चे को जन्म दिया। सीमा की लव स्टोरी भी अजब-गजब की थी। जिससे प्यार किया, उसके साथ सात फेरे लिए। जिस डाकू ने डकैतन का कन्यादान किया, बाद में उसी के साथ सुहागरात मनाई और उसी के बेटे की मां बनी। पुलिस का दबाव बना तो सरेंडर कर जेल चली गई। सलाखों से बाहर आई तो समाजसेवा के कार्य में जुट गई। बिग बॉस में गई, सलमान खान से मिली। फिल्मों में भी काम किया। फिलहाल एक केस में सजा होने के बाद सीमा को फिर से जेल जाना पड़ा।
बबाइन गांव में हुआ थी सीमा परिहार का जन्म
यूपी के औरैया जिले के बबाइन गांव में सीमा परिहार का जन्म हुआ था। पिता बहुत गरीब थे। सीमा अपने माता-पिता और 4 बहन और 2 भाईयों के साथ झोपड़ी में रहा करती थी। सीमा के गांव बबाइन में सेंगर ठाकुरों का दबदबा था। केवल सीमा के पिता परिहार ठाकुर थे। सीमा का पूरा परिवार बकरियां पाल कर अपना गुजारा करता था। जानकार बताते हैं कि उस वक्त सीमा की उम्र 13 वर्ष की थी। गांव के सरपंच गंभीर सिंह ने सीमा के पिता को अपने घर पर बुलवाया। सरपंच ने सीमा के पिता से कहा कि वह अपनी चारों बेटियों की शादी गांव के चार लड़कों के साथ कर दे। पर सीमा के पिता ने सरंपच के ऑफर को ठुकरा दिया। जिससे वह आगबबूला हो गया। सरंपच का क्षेत्र में अच्छा दबदबा था। उसके डाकुओं से संबंध थे। सरपंच ने लालाराम के जरिए सीमा का अपहरण करवा लिया। रात को 10 डकैत आए और बंदूक के बल पर सीमा को अपने साथ लेकर चले गए। ये घटना 1983 की है। सीमा को बीहड़ में लाया जाता था। तब गैंग के सरगना कैत लालाराम और उसकी गैंग के सदस्य श्रीराम, सुरेश लोधी और सुषमा नाईन सीमा से मिलती हैं।
दूसरी सबसे खूंखार लेडी डाकू का जन्म
बीहड़ में सीमा की निगरानी हथियारबंद डकैत करते थे। इसी बीच सीमा ने बीहड़ों से कई बार भागने की कोशिश की लेकिन डकैतों के चंगुल से भाग नहीं पाई। खुद सीमा ने बताया था कि उसके साथ बीहड़ में दुष्कर्म हुआ। तीन साल तक उसे बंधक बनाकर रखा गया था। 1986 की बात है। जब पड़ोस के गांव का एक छोटा लड़का सीमा को जंगल में मिला। उसने सीमा को बताया, उसके माता-पिता और भाई को पुलिस अरेस्ट कर जेल में डाल दिया है। घर की कुर्की कर ली गई है। परिवार के साथ हुए इस बर्ताव से सीमा बागी हो गई और हाथ में बंदूक थाम ली। उस वक्त सीमा की उम्र महज 16 साल की थी। लालाराम ने उसे असलहा चलाने की ट्रेनिंग दी। फिर क्या था, फूलन देवी के बाद चंबल की दूसरी सबसे खूंखार लेडी डाकू का जन्म होता है। लालाराम के बाद सीमा गैंग का दूसरा सबसे बड़ा चेहरा बन चुकी थी। उसने पूरी गैंग को संभालने की जिम्मेदारी ले ली। सीमा इतनी खौफनाक घटनाओं को अंजाम देने लगी थी कि उसकी तुलना फूलन देवी से की जाने लगी थी। अन्य साथी डकैत उसे बीहड़ की रानी कहने लगे। इसके बाद सीमा और उसकी गैंग ने अपहरण कर फिरौती मांगने का सिलसिला तेज कर दिया। सीमा का नाम अखबारों की सुर्खियां बनने लगा। अब तक उसके ऊपर 200 अपहरण, 70 हत्याओं और करीब 30 लूट के मामले दर्ज हो चुके थे।
पूरे चंबल में सीमा की तूती बोलने लगी
सीमा परिहार ने अपनी गैंग के साथ पुलिस थानों पर धावा बोलना शुरू कर दिया और वहां से हथियार लूटने शुरू कर दिए। सीमा ने पुलिस की नाक में दम कर रखा था। तमाम कोशिशों के बाद भी पुलिस उसे पकड़ नहीं पा रही थी। सीमा दिनदहाड़े किसी भी थाने में जाती और पुलिस वालों को मार कर उनके हथियार लूट लाती। इन वारदातों के बाद लोगों के बीच सीमा का खौफ और ज्यादा बढ़ गया। जब सीमा ने बंदूक उठाई तो सबसे पहले इन्हीं सेंगर ठाकुरों को अपना निशाना बनाया। आए दिन उनके साथ लूट की जाती, मार-पीट की जाती और हत्या कर दी जाती। हालत ये हो गए थे कि बबाइन गांव के ठाकुरों ने घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया था। पूरे चंबल में सीमा की तूती बोलने लगी थी। बड़े-बड़े डाकू उसकी इज्जत करने लगे थे। माथे पर कला टीका लगाए, सिर पर लालपट्टी बांधे और बाघी की वर्दी पहनने वाली सीमा लोगों के सपने में आने लगी थी। विदेशों में तक उसके जुर्म की चर्चाएं होने लगी थीं। फूलन देवी के सरेंडर के बाद सीमा इकलौती डकैत थी, जो बीहड़ की शेरनी के नाम से जानी जाती थी। सीमा का मुख्य पेशा अपहरण था। उसे बीहड़ में अपहरण उद्योग का जननी भी कहा जाता है।
निर्भय और सीमा को एक दूसरे से प्यार हो जाता
सीमा और लालाराम के गैंग का चंबल और बीहड़ में दबदबा था। तभी लालाराम की गैंग में एक नए डकैत निर्भय गुर्जर की एंट्री होती है। निर्भय और सीमा को एक दूसरे से प्यार हो जाता है। डाकू लालाराम दोनों की शादी करा देते हैं। सब कुछ ठीक चल रहा होता है। कुछ दिनों बाद सीमा बीहड़ के बगल में बसे एक गांव जाती है। कुछ महिलाएं उससे शिकायत करती हैं कि “आपके यहां से कुछ लड़के आए थे। उनमें से एक का नाम निर्भय था, वो हमारी लड़की का बलात्कार करके गया है। ये सुनते ही सीमा का खून खौल जाता है लेकिन वो अपने आप को रोकती है। वो दोबारा निर्भय और गैंग के कुछ लड़कों को राशन लेने किसी गांव भेजती है। निर्भय और लड़कों को लौटने में देर हो जाती है। सीमा उन लड़कों को लाइन से खड़ा कर उनकी छाती पर बंदूक अड़ाती है और पूछती है। “2 किलोमीटर दूर गांव से वापस आने में इतनी देर कैसे हुई। एक लड़का बताता है, निर्भय एक नाई के घर में घुस गया था और उसकी लड़की के साथ जबरदस्ती करके आया, इसलिए देर हो गई। बस, फिर क्या था सीमा निर्भय को सुबह 5 बजे अपनी गैंग से निकाल कर भगा देती है और दोबारा दिखने पर उसे गोली मार देने की धमकी देती है। निर्भय वहां से चला जाता है। इसके बाद निर्भय बड़ा डाकू बनता है और एक के बाद एक 5 शादियां करता है।
अपने किडनैपर लालाराम से ही शादी कर ली
साल 1997-98 में निर्भय से रिश्ता तोड़ने के बाद सीमा ने गैंग के मुखिया और अपने किडनैपर लालाराम से ही शादी कर ली। लालाराम सीमा से दोगुनी उम्र का था। साल 1999 में उसने एक बच्चे को भी जन्म दिया। बच्चा 10 महीने का ही हुआ था कि साल 2000 में सीमा का पति लालाराम एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। अब सीमा अकेली हो चुकी थी। पुलिस लगातार सीमा को ढूंढ रही थी। पुलिस से बचने के लिए सीमा अपने 10 महीने के बच्चे को लेकर बीहड़ों में यहां से वहां भाग रही थी। अंत में सीमा ने आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया। सीमा के बड़े भाई ने पुलिस से बात की। नौकरी, घर के लिए जमीन और बंदूक का लाइसेंस देने जैसी शर्तों के बाद सीमा ने 18 साल बाद आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद सीमा 3 साल, 3 महीने तक जेल में रही। शुरुआती 6 महीने उसका बेटा भी उसके साथ जेल में रहा। जेल से बाहर आने के बाद सीमा परिहार ने साल 2002 के विधानसभा चुनावों में शिव सेना का सपोर्ट किया। साल 2006 में उसने इंडियन जस्टिस पार्टी जॉइन कर ली। 2007 के भदोही लोकसभा सीट उप-चुनाव में सीमा मैदान में भी आईं लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। साल 2008 में सपा जॉइन की। साल 2011 में सीमा को राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन परिषद के महिला आयोग का अध्यक्ष बना दिया गया।
बिगबॉस के सीजन 4 में आने का न्योता
साल 2007 में सीमा के ऊपर वूंडेड नाम की एक फिल्म बनाई गई। यह फिल्म कृष्णा मिश्रा ने बनाई थी। सीमा परिहार ने खुद इसमें मुख्य किरदार निभाया था। बीहड़ों में फिल्म शूटिंग के दौरान डाकू निर्भय सिंह ने धमकी भी दी थी कि अगर फिल्म में सीमा की दूसरी शादी दिखाई गई तो फिल्म रिलीज नहीं होने दी जाएगी। हालांकि बाद में फिल्म रिलीज हुई थी। फिल्म रिलीज होने के 3 साल बाद, साल 2010 में सीमा को रियलिटी शो बिगबॉस के सीजन 4 में आने का न्योता दिया गया। सीमा ने बिगबॉस में आने के बाद भी खूब सुर्खियां बटोरी थीं। कुछ माह पहले सीमा परिहार को एक केस में सजा हो गई और वह जेल चली गई। घर पर उसका बेटा था। एक दिन वह बाजार से सामान लेने गया। तभी दुर्घटना के दौरान सीमा के बेटे की जान चली गई। सीमा के एक भाई शराब तस्करी के आरोप में जेल भेजा गया। सीमा ने इसके खिलाफ आवाज भी उठाई थी।