Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेला इस बार फिर से बहुत बड़ा और भव्य हो रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं को कुछ कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ रहा है। इस समय मेले के एरिए में भारी भीड़ है, और लोग अपने सामान के साथ लंबी-लंबी पैदल यात्राएं करने को मजबूर हैं। खासकर 29 जनवरी और 3 फरवरी को होने वाले शाही स्नान के दौरान ज़्यादा मुश्किल लग रही है।
यातायात और ट्रैफिक की दिक्कत
सड़कों पर ट्रैफिक बहुत धीमा चल रहा है। गाड़ियां सिर्फ 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही चल पा रही हैं, और कहीं-कहीं तो ट्रैफिक जाम का आलम ये है कि लोग घंटों एक ही जगह पर फंसे रहते हैं। कुछ लोग तो 10-12 किलोमीटर पैदल चलने की बात कर रहे हैं, क्योंकि और कोई विकल्प नहीं है।
वीआईपी मूवमेंट पर सवाल
नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, वीआईपी मूवमेंट से आम श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हो रही है। प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए और व्यवस्था में सुधार करना चाहिए ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
ट्रांसपोर्ट की कमी
मेले में आने वाले लोग ज्यादातर ई रिक्शे, साधे रिक्शे और रैपिडो जैसी बाइक सेवाओं पर निर्भर हैं, लेकिन ये इतने कम हैं कि पूरे मेले को कवर नहीं कर पा रहे। नावों का भी चलन है, लेकिन भीड़ और वीआईपी मूवमेंट के कारण कई बार नाव सेवाएं बंद कर दी जाती हैं। ऐसे में लोग मजबूर होकर पैदल ही यात्रा करने पर मजबूर हैं।
ठहरने की समस्या
बहुत से लोग मेला क्षेत्र में आने के बाद ठहरने की जगह नहीं पा रहे हैं। कुछ यात्री तो रेलवे स्टेशन और सड़कों पर रातें सोकर गुजारने को मजबूर हो रहे हैं। एक युवक ने हमें बताया कि वह अपने परिवार के साथ आया था, लेकिन कोई जगह न मिलने के कारण उसे वापस लौटना पड़ा। वहीं, कुछ लोग ट्रेन की भीड़ के कारण अपनी ट्रेन भी चूक गए हैं।
प्रशासन की कोशिशें
प्रयागराज के कलेक्टर ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे बड़े वाहनों का इस्तेमाल न करें ताकि श्रद्धालुओं को रास्ते में कोई समस्या न हो। पुलिस भी ये सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि हर श्रद्धालु को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिले, लेकिन हालात को देखते हुए यह काफी मुश्किल हो रहा है।