Mahakumbh Stampede: 29 जनवरी 2025 का दिन महाकुंभ के इतिहास में एक दुखद घटना के रूप में दर्ज हो गया जब भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग घायल हो गए। इस दर्दनाक हादसे को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक जांच के आदेश दिए और तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। इस आयोग की अध्यक्षता पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार करेंगे जबकि पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह को सदस्य बनाया गया है।
तय समय सीमा के अंदर होगी जांच
सूत्रों के अनुसार यह जांच आयोग तय समय सीमा के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। इसके अलावा पुलिस भी मामले की गहराई से जांच करेगी और हादसे (Mahakumbh Stampede) के कारणों की विस्तृत पड़ताल की जाएगी। गुरुवार को मुख्य सचिव और डीजीपी प्रयागराज पहुंचकर हालात की समीक्षा करेंगे। न्यायिक आयोग न केवल भगदड़ के कारणों की जांच करेगा बल्कि उन परिस्थितियों का भी विश्लेषण करेगा जिनकी वजह से यह हादसा हुआ। साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुझाव भी देगा। राज्य सरकार के पास आयोग की जांच अवधि में परिवर्तन करने का अधिकार रहेगा।
कौन है न्यायमूर्ति हर्ष कुमार?
न्यायमूर्ति हर्ष कुमार 29 मार्च 2020 को प्रयागराज हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने 1979 में विधि में स्नातक किया और 1998 में उच्च न्यायिक सेवा में नियुक्त हुए। 2008 में उन्हें जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति मिली। इसके बाद 3 फरवरी 2014 को उन्हें अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया और 1 फरवरी 2016 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
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1982 बैच के IPS अधिकारी थे वीके गुप्ता
1982 बैच के आईपीएस अधिकारी वीके गुप्ता डीजी होमगार्ड के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वह प्रयागराज में हुए चर्चित उमेश पाल हत्याकांड की जांच से जुड़े रहे। इसके अलावा शूटरों को मुठभेड़ में मार गिराने वाली पुलिस टीम के खिलाफ जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग में भी शामिल थे जिसकी अध्यक्षता पूर्व न्यायाधीश राजीव लोचन मल्होत्रा ने की थी।
कौन है रिटायर्ड IAS डीके सिंह?
2005 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीके सिंह चित्रकूटधाम के मंडल आयुक्त के पद पर कार्यरत रह चुके हैं। इससे पहले वे जौनपुर, बदायूं, मुजफ्फरनगर और सोनभद्र में जिलाधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। पीसीएस से आईएएस बने डीके सिंह के पास प्रशासनिक सेवा का लंबा और व्यापक अनुभव है।