Bollywood News: कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो हर साल लाखों लोगों की जान ले लेती है। यह केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक साहस की भी परीक्षा होती है। हालांकि बॉलीवुड से जुड़ी कुछ ऐसी कहानियां हैं जिन्होंने इस बीमारी को हराया और हमें यह बताया कि मुश्किलों का सामना किया जा सकता है। आइए जानते हैं बॉलीवुड की उन हस्तियों के बारे में जिन्होंने कैंसर को मात दी।और कैंसर की जंग लड़कर वापस आए।
संजय दत्त, फेफड़ों के कैंसर के खिलाफ एक योद्धा
2020 में अभिनेता संजय दत्त को फेफड़ों के कैंसर का पता चला था। यह एक गंभीर स्थिति थी, लेकिन संजय दत्त ने हार नहीं मानी। उन्होंने इलाज के दौरान कीमोथेरेपी की कड़ी प्रक्रिया को सहन किया और इसके बाद वे कैंसर मुक्त हो गए। उनकी यह यात्रा न केवल उनके प्रशंसकों के लिए प्रेरणा बनी, बल्कि यह यह भी साबित करती है कि अगर दिल में साहस हो, तो कोई भी बीमारी विजय प्राप्त कर सकती है।
मनीषा कोइराला,एक बहादुर उत्तरजीवी
साल 2012 में अभिनेत्री मनीषा कोइराला को डिम्बग्रंथि के कैंसर का पता चला। कैंसर के खिलाफ उनकी लड़ाई लंबी और कठिन थी, लेकिन 2013 में सफल इलाज के बाद वह कैंसर मुक्त हो गईं। मनीषा ने अपनी बीमारी से जूझते हुए अपने अनुभवों को साझा किया और हमें सिखाया कि जीवन में उम्मीद और संघर्ष से बड़ा कोई सहारा नहीं होता।
ताहिरा कश्यप,उम्मीद के साथ कैंसर को हराना
आयुष्मान खुराना की पत्नी, ताहिरा कश्यप को 2018 में स्तन कैंसर का पता चला था। यह खबर उनके परिवार और प्रशंसकों के लिए शॉकिंग थी, लेकिन ताहिरा ने अपनी बीमारी का डटकर सामना किया और कैंसर से मुक्ति पाई। ताहिरा ने अपनी यात्रा को साझा करते हुए यह साबित कर दिया कि आशा और विश्वास से ही किसी भी संकट को पार किया जा सकता है।
सोनाली बेंद्रे,एक योद्धा की वापसी
अंग्रेजी में comeback का शब्द अक्सर चर्चा में रहता है, और सोनाली बेंद्रे का जीवन एक सही उदाहरण है। जुलाई 2018 में उन्हें मेटास्टेटिक कैंसर का पता चला, और उन्होंने इलाज के लिए न्यूयॉर्क में यात्रा की। इलाज के बाद, वह पूरी तरह से ठीक होकर 2021 में भारत लौटीं। सोनाली बेंद्रे की कहानी यह सिखाती है कि हर कठिनाई के बाद एक नई शुरुआत होती है।
महिमा चौधरी ,ब्रेस्ट कैंसर पर जीत
महिमा चौधरी ने भी ब्रेस्ट कैंसर से जूझते हुए उसकी मुश्किलों को पार किया। अनुपम खेर के साथ एक भावनात्मक वीडियो में उन्होंने अपनी कैंसर से जंग और उसकी जीत के बारे में बताया। महिमा की यात्रा यह दर्शाती है कि साहस और आत्मविश्वास से किसी भी बीमारी को हराया जा सकता है।