Smart Phone Users: युवाओं की सेहत पर इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है, हर कोई आजकल डिजिटल दुनिया का हिस्सा बन चुका है। खासकर यंगस्टर्स में गैजेट्स का क्रेज सबसे ज्यादा है मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस अब सिर्फ जरूरत नहीं बल्कि मजबूरी बन चुके हैं। लोग घंटों मोबाइल पर फिल्में, वेब सीरीज, वीडियो चैट, सोशल मीडिया और ऑफिस का काम करते रहते हैं। इससे उनका स्क्रीन टाइम लगातार बढ़ता जा रहा है।
गैजेट्स से शरीर पर क्या असर पड़ता है
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, 12 से 34 साल के बीच के 1.35 बिलियन लोग लगातार अनहेल्दी तरीके से मोबाइल और हेडफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उनकी सुनने की क्षमता पर असर पड़ रहा है।
एक अन्य रिपोर्ट बताती है कि 5 से 6 घंटे से ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल करने वाले 29% लोग हैं, जबकि 10 घंटे से ज्यादा इस्तेमाल करने वाले 4% लोग हैं।
ज्यादा देर तक स्क्रीन देखने वालों को ये परेशानियां हो रही हैं
80% लोग नींद की कमी से जूझ रहे हैं।
60% को सिरदर्द और गर्दन में दर्द रहता है।
53% लोगों की आंखों पर असर पड़ रहा है।
40% लोगों को पीठ दर्द की शिकायत है।
समस्या को न करें नजरअंदाज
आजकल युवा और बच्चे सबसे ज्यादा स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहे हैं। पढ़ाई से लेकर एंटरटेनमेंट तक, हर काम के लिए मोबाइल जरूरी हो गया है। OTT प्लेटफॉर्म्स का क्रेज युवाओं में सबसे ज्यादा है, जिससे उनकी नींद और फोकस दोनों पर असर पड़ रहा है।
समस्या तब और बढ़ जाती है जब लोग अपनी हेल्थ इशूज को नजरअंदाज करते हैं। लगातार मोबाइल देखने से आंखों में जलन, गर्दन में दर्द, सिरदर्द, थकावट, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन जैसी दिक्कतें बढ़ रही हैं।
एक स्टडी के मुताबिक, 15 से 35 साल के युवा इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। हर हफ्ते 5 से 7 मरीज सिर्फ इस वजह से डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं। डॉक्टर स्क्रीन टाइम कम करने और गैजेट्स से दूरी बनाने की सलाह देते हैं।
स्क्रीन टाइम ज्यादा होने पर होने वाली समस्याएं
स्पॉन्डेलाइटिस (गर्दन और रीढ़ की हड्डी में दर्द)
आंखों में जलन और दर्द
हर समय थकावट महसूस होना
किसी भी काम में फोकस नहीं कर पाना
थोड़ी थोड़ी देर में मोबाइल देखने की आदत
डिप्रेशन और तनाव
गुस्सा जल्दी आना और चिड़चिड़ापन