लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उम्र महज सात साल की थी। घर पर माता-पिता, दादा, बहन और एक छोटा भाई था। परिवार में ताऊ थे। पिता, ताऊ और दादा साथ-साथ रहते थे। पर अचानक किसी बात को लेकर परिवार में दरार पड़ जाती है। ताऊ अपने बड़े भाई की जान के पीछे पड़ जाता है। एक दिन मौका मिलते ही वह बंदूक के जरिए अपने छोटे भाई और उनकी पत्नी के सिर पर गोली मारकर हत्या कर देता था। बचाने के लिए पिता आते हैं तो किलर उनके सिर पर गोली दाग देता था। जब ताऊ हत्याकांड को अंजाम दे रहा होता है तब बड़े भाई के दोनों बेटे और बेटी सबकुछ अपनी आंखों से देख रहे होते हैं। मुकदमा दर्ज होता है और पुलिस की जांच-पड़ताल के बाद आरोपी बच जाता है। फिर 34 साल के बाद बेटा अपने परिवार के हत्याकांड का बदला उसी अंदाज में लेता है। ताऊ और परिवार के चार अन्य सदस्यों के सिर पर गोली मारकर मौत के घाट उतार देता है।
क्या है वाराणसी हत्याकांड की कहानी
दरअसल, वाराणसी के भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू, दो बेटों सुबेंद्र व नमनेंद्र और बेटी गौरांगी की पांच नवंबर 2024 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने हत्याकांड का मुकदमा दर्ज किया। जांच शुरू की तो पुलिस को पता चला किया सामूहिक हत्याकांड को राजेंद्र के छोटे भाई के दो बेटों विक्की और जुगनू ने अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की और तीन महिने के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में विशाल उर्फ विक्की गुप्ता ने बताया कि 1997 में उसके मां-बाप की हत्या संपत्ति के लालच में ताऊ ने गोली मारकर की थी। उसने भाई की मदद से मां-बाप की हत्या का बदला लिया है। आरोपी को हत्याकांड पर कोई पछतावा नहीं है। आरोपी ने बताया कि उसने अकेले हत्याकांड को अंजाम दिया है। छोटा भाई जुगुनू ने सिर्फ मेरी मदद की। अब पुलिस वारदात में प्रयुक्त पिस्टल बरामद करने के लिए प्रयास कर रही है।
विक्की नहीं भूला वो मंजर
पुलिस की जांच में सामने आया कि 34 साल पहले बड़े भाई ने अपने छोटे भाई और उसकी पत्नी और पिता की हत्या गोली मारकर की थी। जिस छोटे भाई की राजेंद्र गुप्ता ने हत्या की थी। उसी छोटे भाई के तीन बच्चे थे। दो भाई और एक बहन। इन तीनों को राजेंद्र ने अपने ही घर में पाला था। वो तीनों बच्चों को हमेशा मारता पीटता था। मगर धीरे धीरे वक्त बीतता गया और वो तीनों बच्चे बड़े हो गए। उनमें से बहन की शादी हो गई और दोनों भाई काम के लिए दिल्ली चले गए और आईटी कंपनी में नौकरी करने लगे। विक्की ने अपने माता-पिता का कत्ल होते हुए अपनी आखों से देखा था। विक्की उर्फ विशाल वो मंजर कभी भुला नहीं पाया था। वह बदला लेने के लिए परेशान रहता था। विक्की ने अपने भाई जुगुनू के साथ मिलकर चाचा और उनके पूरे परिवार को मारने का प्लान बनाया।
ताऊ समेत चार का किया मर्डर
पछले साल दिवाली के मौके पर विशाल उर्फ विक्की अपने घर आया। साथ में छोटा भाई जुगुनू भी था। विशाल ने दो पिस्टल खरीदे और कारतूस की व्यवस्था की। वारदात से ठीक पहले उसने अपने भाई को दिल्ली भेज दिया। फिर उसने 34 साल पुराना बदला लेने के लिए राजेंद्र गुप्ता और उनके परिवार के चार लोगों को गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया। विशाल ने उन पांचों को ठीक उसी जगह सिर में गोली मारी, जिस जगह राजेंद्र गुप्ता ने उसके मां-बाप और दादा को गोली मारी थी। इसके बाद विक्की गायब हो गया था। पूरे तीन महीने तक वो अलग-अलग शहरों में छुपता रहा। लेकिन तीन महीने बाद अब जाकर वो पकड़ा गया।
आईटी कंपनी में जॉब करता है विक्की
विशाल गुप्ता उर्फ विक्की बेहद पढ़ा लिखा है और एक आईटी कंपनी में नौकरी करता है। विक्की ने सात साल की उम्र में परिवार का कत्ल होते हुए देखा। जब वो अपने उसी मां-बाप और दादा के कातिल के घर में रहकर परवरिश पा रहा था। खुद पर और अपने छोटे भाई और बड़ी बहन पर तमाम जुल्मों सितम होते देख रहा था। विक्की ने पैसे कमाए और बहन की पहले शादी की। छोटे भाई का कॅरियर संवारा और उसकी भी जॉब लगवाई। बहन और छोटे भाई ने विक्की पर शादी का दबाव बनाया। पर उसने इंकार कर दिया। विक्की अक्सर अपनी बहन से कहता था कि हमारे माता-पिता की आत्मा इंसाफ के लिए भटक रहीं है। जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता तब तक मेरे लिए शादी करना नामुमकिन हैं।
ऐसे पांचों लोगों का किया मर्डर
आरोपी ने पुलिस को बताया कि सोए हुए ताऊ की गोली मारकर हत्या करने के बाद वह पैदल ही लठिया आया। वहां से एक फूड डिलीवरी कंपनी के डिलीवरी बॉय से मोबाइल मांगकर ऑटो बुक किया। उस ऑटो से भिखारीपुर आया। भिखारीपुर से फिर लहरतारा आया। लहरतारा से कैंट स्टेशन और फिर से ऑटो बदलकर कैंट से भदैनी पहुंचा। चारों ऑटो चालकों को उसने 500-500 रुपये दिए थे। विक्की ने बताया कि ताऊ के घर में पीछे की ओर से वह घुसा और छत पर चला गया। लगभग चार घंटे बाद सुबह 5ः30 बजे उसकी बड़ी मां नीतू जब सबमर्सिबल पंप ऑन करने आईं तो प्रथम तल स्थित उनके कमरे में जाकर उसने उन्हें गोली मार दी। फिर दूसरे तल पर चचेरे भाई-बहनों के कमरे में गया। सोए हुए सुवेंद्र को उसने बेड पर गोली मारी।
32 राउंड की फायरिंग
नमनेंद्र फायरिंग की आवाज सुनकर भागा और बाथरूम में छिपा तो उसे दौड़ाकर गोली मारी। फिर आखिर में उसने गौरांगी को गोली मारी। विक्की ने बताया कि पांचों लोगों की हत्या में उसने 32 राउंड फायरिंग की थी। पुलिस ने वारदात की गुत्थी सुलझाने के लिए 336 घंटों की सीसी फुटेज खंगाली। वारदात के पहले और बाद का उसका डिजिटल रूट चार्ट तैयार किया। मार्च 2022 से छह नवंबर 2024 तक विक्की और जुगनू की लोकेशन और फोन पर उनके संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटाने के लिए तकरीबन पांच लाख मोबाइल नंबर खंगाले। तब जाकर तकनीक की मदद से ही विक्की और जुगनू पकड़े गए।