Stock Market Today : पिछले 6 दिनों से शेयर बाजारमें लगातार गिरावट देखी जा रही है। इस सप्ताह मंगलवार को 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी,और बुधवार को भी निफ्टी और सेंसेक्स मेंभारी गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के कारण निवेशकों को दो दिनों में लगभग 17लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
क्या है गिरावट का कारण ?
अमेरिका द्वारा लगाएगए व्यापार शुल्क (टैरिफ वार) और वित्तीय वर्ष(Stock Market Today) की तीसरी तिमाही में कंपनियों केकमजोर परिणामों को लेकर चिंताओं के बीच, देश की सबसे बड़ी वैल्यूएशन वाली कंपनियां जैसे रिलायंसइंडस्ट्रीज, आईटीसीलिमिटेड और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने बाजार पर दबाव डाला था। इसके चलते मार्केटमें भारी गिरावट देखने को मिल रही है।
मुख्य तौर पर स्टॉकमार्केट में गिरावट आने के लिए पांच कारणों जिम्मेदार माना जा रहा है :
- स्टील और एल्यूमिनियम पर 25% टैरिफ
अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंपने सोमवार को स्टील और एल्यूमिनियम पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की, जबकि पहले यह 10 प्रतिशत ही था। इसके अलावा, उन्होंने जल्दी ही वैश्विक रेसिप्रोकलटैरिफ लागू करने का भी वादा किया, जिससेअंतरराष्ट्रीय व्यापार पर और दबाव बढ़ सकता है।
- ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
फेडरल रिजर्व के चेयरमैन ने कहा किअमेरिकी अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है, लेकिन मुद्रास्फीति फेड की टार्गेट रेट 2%से काफी ऊपर बनी हुई है। इसके कारणकेंद्रीय बैंक आगे भी ब्याज दरों में कटौती को लेकर सतर्क रहेगा, ताकि आर्थिक संतुलन बनाए रखा जा सके।
- इंफ्लेशन डेटा से पहले पैनिक
बाजार अमेरिकी उपभोक्ता कीमतों से जुड़ीआगामी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे थे, जो आर्थिक नीतियों के दिशा-निर्देश तय कर सकती है। यह रिपोर्टखासतौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि पॉलिसी मेकर इस पर विचार कर रहे हैं कि डोनाल्डट्रम्प के टैरिफ के प्रभाव से अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर क्या असर हो सकता है।
यह भी पढ़ें : मां-बाप क्यों नहीं हो सकते Valentine, क्या सिर्फ 7 दिनों का ही सीमित है प्यार ?
- विदेशी निवेशकों का आउटफ्लो
NSDL के आंकड़ों के अनुसार,फरवरी महीने में विदेशी संस्थागतनिवेशकों (FIIs) नेअब तक 88,139 करोड़रुपये की इक्विटी बेच दी है। इसका प्रभाव भारतीय शेयर बाजार पर स्पष्ट रूप से देखाजा रहा है, जिससे बाजार में दबावबढ़ा है।
- बॉन्ड यील्ड और डॉलर
अमेरिकी 10 वर्षीय बॉन्ड यील्ड 4.55 प्रतिशत तक बढ़ गई है, वहीं 2 वर्षीय बॉन्ड यील्ड 4.3 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इसके साथ ही,डॉलर इंडेक्स 108.36 के स्तर पर पहुंचकर मजबूत हुआ है,जिससे उभरते बाजारों में पूंजी का बाहर निकलना बढ़ रहा है। उच्च बॉन्ड यील्ड अमेरिकी संपत्तियों को ज्यादा आकर्षक बना रहेहैं, जबकि डॉलर की मजबूतीविदेशी पूंजी के प्रवाह को और अधिक प्रभावित कर रही है।
निवेशकों को कितना हुआ नुकसान ?
बीते मंगलवार यानी 11 फरवरी को सेंसेक्स 77,384.98 पर खुला, लेकिन इसके बाद 1,281 अंकों की गिरावट के साथ 76,030.59तक गिर गया। वहीं, निफ्टी 50 में भी 1.7% की गिरावट आई और यह 22,986.65 पर आ गया। इस दौरान, बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्समें भी 3% से अधिक की गिरावट देखीगई। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप ₹426 लाख करोड़ से घटकर ₹408 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जिसके कारण पिछले पांच दिनों मेंनिवेशकों को ₹18 लाखकरोड़ का नुकसान हुआ।