Human hair Business: कभी आपने सोचा है कि हमारे काटे गए बालों का आखिर होता क्या है? बचपन में जब हम बाल कटवाने जाते थे, तो ये सवाल मन में जरूर आता था। अब जब थोड़े बड़े हो गए हैं, तो यह समझ आता है कि इन बालों का भी एक बड़ा व्यापार होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि भारत में ह्यूमन हेयर का बिजनेस कितना बड़ा है और इसे किस तरह से निर्यात किया जाता है।
भारत में बालों का बड़ा व्यापार
भारत में बालों का व्यापार किसी बड़े उद्योग से कम नहीं है। खासकर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में इस व्यापार का प्रमुख केंद्र है। यहां से बालों का एकत्रण कर विदेशों में निर्यात किया जाता है।
भारत में दो प्रकार के बाल होते हैं,रेमी और नॉन-रेमी
रेमी बाल सबसे अच्छे माने जाते हैं, और इन्हें खासतौर पर मंदिरों से एकत्र किया जाता है, जहां लोग धार्मिक आस्था के तहत अपने बाल दान करते हैं। ये बाल ज्यादा चमकदार और मजबूत होते हैं।इन बालों का इस्तेमाल मुख्य रूप से विग बनाने में होता है।नॉन रेमी ये बाल गांवों और शहरों से इकट्ठे किए जाते हैं। इनकी दिशा अलग-अलग हो सकती है, इसलिए इनकी गुणवत्ता रेमी बालों से थोड़ी कम मानी जाती है।
सरकार का बड़ा फैसला, बालों के एक्सपोर्ट पर नया नियम
भारत सरकार ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया है। अब जो बाल 65 डॉलर प्रति किलोग्राम से कम कीमत में होते हैं, उनका एक्सपोर्ट नहीं किया जा सकेगा। अगर बालों की कीमत इस से अधिक होगी, तो उन्हें निर्यात किया जा सकता है। यह फैसला म्यांमार और चीन जैसे देशों में ह्यूमन हेयर की तस्करी को लेकर उठाया गया है। इस कदम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बालों का व्यापार सही तरीके से हो।
कहां और कैसे होते हैं बालों का निर्यात?
भारत से ह्यूमन हेयर मुख्य रूप से म्यांमार को निर्यात किया जाता है, लेकिन कई अन्य देशों में भी इन बालों का व्यापार होता है। खासतौर पर अमेरिका, जापान और यूरोपीय देशों में भी भारत से बाल निर्यात होते हैं। पिछले साल भारत ने लगभग 12.39 करोड़ अमेरिकी डॉलर का ह्यूमन हेयर निर्यात किया था।