UNHRC News: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की बैठक में भारत ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब देते हुए कहा कि जो देश अंतरराष्ट्रीय सहायता के सहारे चल रहा है, उसे किसी अन्य देश को उपदेश देने का अधिकार नहीं है। भारत ने पाकिस्तान के कश्मीर पर दावों को भी सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा रहेंगे। भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान को विफल राष्ट्र बताते हुए उसके मानवाधिकारों के रिकॉर्ड पर भी सवाल उठाए।
पाकिस्तान को मिला मुंहतोड़ जवाब
भारत ने UNHRC में पाकिस्तान की ओर से लगाए गए निराधार आरोपों का करारा जवाब दिया। भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने कहा कि पाकिस्तान लगातार झूठे दावे कर भारत की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व विकास हुआ है। उन्होंने कहा, “यह प्रगति दशकों से पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र में सामान्य स्थिति लाने की हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
Geneva: At the 7th Meeting – 58th Session of Human Rights Council, Indian Diplomat Kshitij Tyagi says, "… It is regrettable to see Pakistan's leaders and delegates continuing to spread falsehoods handed down by its military terrorist complex. Pakistan is making a mockery of the… https://t.co/vXdDhM9SVd pic.twitter.com/o4e6EPJYNC
— ANI (@ANI) February 26, 2025
पाकिस्तान की नीयत पर उठाए सवाल
भारत ने पाकिस्तान की UNHRC कथनी और करनी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो देश खुद आतंकवाद का समर्थन करता है, वह किसी और पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाने की स्थिति में नहीं है। त्यागी ने कहा, “हम पाकिस्तान द्वारा किए गए झूठे और दुर्भावनापूर्ण दावों का जवाब देने का अपना अधिकार इस्तेमाल कर रहे हैं। वहां के नेता झूठ को फैलाने में व्यस्त हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि पाकिस्तान खुद अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करता है, मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाता है और आतंकवाद को समर्थन देता है।”
भारत से सीखने की दी सलाह
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को सलाह दी कि वह दूसरों को ज्ञान देने के बजाय अपने देश की हालत सुधारे। त्यागी ने कहा, “पाकिस्तान को अपने नागरिकों को बेहतर शासन और न्याय देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि झूठ फैलाने पर। उसकी बयानबाजी में पाखंड, शासन में अक्षमता और कृत्यों में अमानवीयता झलकती है।”
एस जयशंकर ने भी पाकिस्तान पर साधा था निशाना
इससे पहले, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत आतंकवाद से निपटने में दृढ़ रहा है और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा सक्रिय भूमिका निभाता रहेगा। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा था कि कुछ देश आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं और फिर मानवाधिकारों की आड़ लेकर छवि सुधारने की कोशिश करते हैं, लेकिन अब दुनिया उनकी सच्चाई जान चुकी है।