मोहसिन खान/नोएडा डेस्कः योगी मंत्रीमंडल का जल्द ही विस्तार हो सकता है। क्योंकि महाकुम्भ के चलते मंत्री मंडल विस्तार रूका हुआ था. अब चूंकि महाकुम्भ का समापन हो चुका है और पार्टी आलाकमान के सामने पंचायत चुनाव और विधानसभा 2027 का रोड़मैप सामने है ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही योगी सरकार के मंत्री मंडल के विस्तार को हरी झंडी मिल जाएगी।
सबसे ज्यादा चर्चा योगी सरकार के पहले कार्यकाल में कद्दावर मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा का नाम तेजी के साथ चल रहा है। क्योंकि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी श्रीकांत शर्मा को योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्री पद नहीं मिला था और उनके मंत्री मंडल में ना आने के कई मायने निकाले जा रहे थे, लेकिन अब मंत्री मंडल विस्तारीकरण में उनके नाम की चर्चाए ब्रज मंडल से हो रही है और कयास ये लगाए जा रहे है कि पिछले काफी समय से बर्फ में लगे श्रीकांत शर्मा को दोबारा से मंत्री मंडल में शामिल किया जा सकता है।
आगरा से आने वाले मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय की बत्ती पर खतरा मंडरा रहा है और अगर योगेन्द्र जाते है तो फिर ब्रज क्षेत्र से पंडित की जगह ना केवल पंडित को तरजीह मिलेगी, इसके साथ ही ब्रज मंडल की भी भरपाई हो जाएगी। श्रीकांत शर्मा के मंत्री मंडल में शामिल होने की चर्चाएं उस वक्त ज़ोर पकड़ गई थी जब उन्होंने ब्रज भाषा में ही भाषण दिया था।
पश्चिम में बढ़ सकता है दलित मंत्री का कद!
उधर मंत्री मंडल के विस्तारीकरण को लेकर चर्चाएं ये भी है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में जाट त्यागी और दलित समीकरणों को साधा जा सकता है बड़ी वजह ये है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले से दो मंत्री आते है उर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर और जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक जबकि दलित समाज से रालोद कोटे से अनिल कुमार आते है।
ऐसे में चर्चा ये है कि खटीक समाज और दलित समाज में छत्तीस आंकड़े को देखते हुए पार्टी आलाकमान 27 के नजरिए से दलितों को नाराज़ नहीं करना चाहेगी, क्योंकि वेस्ट यूपी में खटीक वोटर्स से ज्यादा तादात में दलित मतदाता है, तो हो सकता है कि अनिल कुमार के कद को बढ़ा राज्यमंत्री से कैबिनेट में जगह दी जा सके चर्चा ये भी है कि तीन से चार मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है और मेरठ से आने वाले दो मंत्रियों में से किसी एक से लाल बत्ती छिन भी सकती है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार में औसतन 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। फिलहाल मंत्रिमंडल में 21 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 19 राज्यमंत्री हैं यानी कुल 54 मंत्री हैं. इस हिसाब से 6 मंत्री पद अभी भी खाली हैं सूत्रों की मानें तो तीन से चार मंत्रियों की छुट्टी उनके काम काज और आ रही शिकायतें नॉन परफॉर्मेंस के आधार पर होगी तो समीकरणों के हिसाब से तीन-चार नए चेहरे शामिल भी किए जा सकेंगे कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव भी हो सकता है और विस्तार में 75 वर्ष की आयु सीमा का भी ध्यान रखा जायेगा, पूरब पश्चिम का संतुलन भी साधा जायेगा।