Health Tips: पेंसिल्वेनिया की 23 साल की पेट्रिया मैकेथेन को वेपिंग (इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट) करना पसंद था। उन्हें लगा कि यह सिर्फ एक मजेदार आदत है, जिसमें अलग-अलग फ्लेवर, मीठी खुशबू और मोटे धुएं के बादल होते हैं। लेकिन धीरे-धीरे यह उनकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हुआ।
कैसे शुरू हुई उनकी वेपिंग की लत?
एक साल में ही लग गई इसकी लत 22 साल की उम्र में पेट्रिया वेपिंग की आदी हो गईं। शुरुआत में यह उन्हें एक स्टाइलिश और मजेदार चीज़ लगी, लेकिन धीरे-धीरे उनकी यह आदत बढ़ती चली गई। वे हर दिन गहरी-गहरी कश लेने लगीं, जिससे उनके फेफड़ों पर असर पड़ने लगा।
शुरुआती लक्षणों को किया नज़रअंदाज
जब उनके फेफड़ों की हालत बिगड़ने लगी और सांस लेने में तकलीफ होने लगी, तब भी उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। उन्हें लगा कि यह कुछ समय बाद ठीक हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा
वेपिंग सिगरेट से भी ज्यादा खतरनाक हैं। हाल ही में हुई एक नई स्टडी में पता चला है कि वेपिंग पारंपरिक सिगरेट से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। यह सिर्फ फेफड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाती, बल्कि कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
डिमेंशिया और दिल की बीमारी का खतरा
शोधकर्ताओं ने पाया है कि वेपिंग करने वालों में डिमेंशिया (याददाश्त खोने की बीमारी), हृदय रोग और अंग फेल होने जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। लगातार वेपिंग करने से शरीर के अंदरूनी अंग धीरे-धीरे कमजोर होने लगते हैं।
सेहत पर वेपिंग का असर
फेफड़ों पर असर,वेपिंग के धुएं में मौजूद रसायन फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।याददाश्त पर असर,वेपिंग के लगातार इस्तेमाल से दिमाग पर असर पड़ सकता है, जिससे भूलने की बीमारी (डिमेंशिया) का खतरा बढ़ जाता है।
वेपिंग से कैसे बचें?
आदत को धीरे-धीरे छोड़ें,अगर आप वेपिंग करते हैं, तो इसे तुरंत बंद करने की कोशिश करें। अगर अचानक छोड़ना मुश्किल हो, तो धीरे-धीरे इसकी मात्रा कम करें।
योग और एक्सरसाइज़ करें,सांस से जुड़ी एक्सरसाइज़ और योग करने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और वेपिंग की लत से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
डॉक्टर की सलाह लें,अगर वेपिंग की लत ज्यादा बढ़ गई है, तो किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें और सही इलाज लें।