Motilal Nagar Redevelopment Project : पिछले कुछ दिनों से मुंबई के गोरेगांव वेस्ट में स्थित मोतीलाल नगर पुनर्विकास प्रोजेक्ट चर्चा में बना हुआ है। इस प्रोजेक्ट का ठेका अडानी ग्रुप को मिला है, जिसकी कुल लागत 36,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह प्रोजेक्ट करीब 143 एकड़ में फैला हुआ है और इसे मुंबई के सबसे बड़े रेजिडेंशियल पुनर्विकास परियोजनाओं में से एक माना जा रहा है। इस परियोजना का संचालन महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) द्वारा किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य 1960 के दशक में बनी इस कॉलोनी को आधुनिक रूप देना और यहां के निवासियों को बेहतर सुविधाएं देना है।
पुरानी कॉलोनी को नया रूप देने की योजना
मोतीलाल नगर को तीन भागों में बांटा गया है ,मोतीलाल नगर I, II और III। इसे 1960 के दशक में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को पुनर्वास देने के लिए बनाया गया था। यहां के घर बेहद छोटे, लगभग 200 वर्ग फुट के थे। लेकिन समय के साथ जगह की कमी के कारण लोगों ने अपने घरों का अवैध रूप से विस्तार कर लिया, जिससे यहां बेतरतीबी और अव्यवस्था बढ़ गई।
2013 में, धारावी के एक निवासी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की, जिसमें मोतीलाल नगर में बढ़ते अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया गया। कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान, स्थानीय निवासी समितियों ने पुनर्विकास की इच्छा जताई। इसके बाद, 2016 में MHADA ने इस प्रोजेक्ट को अपने हाथ में लिया, क्योंकि यह जमीन उनकी थी और उनका लक्ष्य सस्ते और आधुनिक घर उपलब्ध कराना था।
कैसे मिला अडानी ग्रुप को ठेका?
13 अक्टूबर 2021 को, MHADA ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत टेंडर जारी किया। शुरुआती टेंडर की कीमत 21,918 करोड़ रुपये थी, जिसमें अडानी प्रॉपर्टीज, लार्सन एंड टुब्रो (L&T), और नमन ग्रुप जैसी कंपनियों ने बोली लगाई। लेकिन महज छह महीनों में इस प्रोजेक्ट की लागत 60% बढ़कर 36,000 करोड़ रुपये हो गई।
MHADA द्वारा दी जाने वाली फ्री फ्लैट्स का हिस्सा भी 20% से घटकर 13.29% रह गया। इसी कारण मोतीलाल नगर विकास समिति ने इसे एक ‘मेगा स्कैम’ करार दिया और प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग की। हालांकि, अब मामला सामान्य हो गया है और प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है।
अब विकास की गाड़ी फिर पटरी पर
मार्च 2025 तक, इस प्रोजेक्ट ने एक अहम मुकाम हासिल किया। मुंबई हाई कोर्ट ने MHADA को पुनर्विकास के लिए निर्माण एवं विकास एजेंसी (C&DA) के माध्यम से काम करने की अनुमति दी। इसके बाद, अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड (APPL) ने सबसे अधिक बोली लगाकर यह प्रोजेक्ट जीत लिया।
किन परिवारों को मिलेगा नया घर?
इस पुनर्विकास परियोजना के तहत, कुल 5,300 परिवारों का पुनर्वास किया जाएगा। इसमें शामिल हैं—
3,372 MHADA रेजिडेंशियल यूनिट्स
328 कमर्शियल यूनिट्स
1,600 झुग्गी आवास
नए घरों का आकार 1,600 वर्ग फुट तक होगा, जो मौजूदा 200 वर्ग फुट के घरों से काफी बड़ा होगा। इसके अलावा स्कूल, अस्पताल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और पार्क जैसी सुविधाएं भी होंगी। इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में 7 साल लगने का अनुमान है।
निवासियों की चिंता बनी हुई है
हालांकि, स्थानीय निवासियों की चिंताएं अब भी बनी हुई हैं। मोतीलाल नगर विकास समिति ने MHADA पर पारदर्शिता की कमी और पर्याप्त विचार-विमर्श न करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा, लागत में वृद्धि और पक्षपात के आरोप भी लगातार उठाए जा रहे हैं।
निवासियों की मांग है कि पुनर्विकास प्रक्रिया में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाए और उनकी जरूरतों को ध्यान में रखा जाए। यह प्रोजेक्ट मुंबई के आवास संकट को कम करने और एक पुरानी कॉलोनी को नया रूप देने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकता है।