Nagpur Violence: नागपुर में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर उठे विवाद ने सोमवार रात हिंसक रूप धारण कर लिया। इस हिंसा में शहर के कई इलाकों में दुकानें, घर और वाहन आग की भेंट चढ़ गए। हालात को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है और अब तक 65 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। समाचार एजेंसी के अनुसार यह हिंसा एक अफवाह के कारण भड़की। अफवाह थी कि विश्व हिंदू परिषद (VHP) के आंदोलन के दौरान औरंगजेब की कब्र हटाने के प्रयास में एक समुदाय की पवित्र पुस्तक को जला दिया गया। इस अफवाह के बाद शहर के महाल इलाके में दो गुटों के बीच झड़प शुरू हो गई जो धीरे-धीरे हंसपुरी तक फैल गई।
क्या है पूरा मामला?
सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे महाल इलाके में हिंसा भड़क उठी। हमलावरों ने पत्थरबाजी की और कई वाहनों, घरों और दुकानों में आग लगा दी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक अनियंत्रित भीड़ ने ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में तोड़फोड़ की और एक क्लिनिक को नुकसान पहुंचाया। चिटनिस पार्क के पास ओल्ड हिसलोप कॉलेज क्षेत्र में भी भीड़ ने घरों पर पत्थर फेंके और कारों को जला दिया।
मामले पर पुलिस ने की कार्रवाई
हिंसा को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की। महाल इलाके में तलाशी अभियान चलाकर 65 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल शहर में स्थिति शांतिपूर्ण है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और नागपुर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हिंसा के बाद शांति और सद्भाव की अपील की है। उन्होंने लोगों से शांत रहने और कानून व्यवस्था बनाए रखने का आग्रह किया।
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औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद
मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद लंबे समय से चल रहा है। कुछ संगठनों का दावा है कि औरंगजेब एक आक्रांता था और उसकी कब्र को हटाया जाना चाहिए। वहीं दूसरी ओर एक समुदाय इसे अपनी विरासत का हिस्सा मानता है। इस मुद्दे पर अक्सर तनाव बना रहता है। नागपुर में हिंसा के बाद प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। हालांकि यह सवाल अब भी बना हुआ है कि क्या औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद समाप्त होगा या यह आगे भी तनाव का कारण बना रहेगा?
शहर के (Nagpur Violence) लोगों की नजरें अब प्रशासन और राजनीतिक नेताओं पर टिकी हैं जो इस मुद्दे का स्थायी समाधान निकाल सकें। इस घटना ने एक बार फिर सामाजिक सद्भाव और शांति बनाए रखने की चुनौती को उजागर किया है। आने वाले दिनों में इस मामले का क्या नतीजा निकलेगा यह देखना दिलचस्प होगा।