Ayodhya Ramkot Parikrama 2025 उत्तर प्रदेश के अयोध्या में इस साल रामनवमी से पहले भव्य रामकोट परिक्रमा का आयोजन किया जाएगा। इसे खास और ऐतिहासिक बनाने के लिए संतों की बैठक हुई, जिसमें आयोजन को दिव्य रूप देने पर चर्चा हुई। इस परिक्रमा के दौरान अयोध्या के मंदिरों से विशेष झांकियां निकाली जाएंगी, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनेंगी।
रामलला की शास्त्रीय सीमा को ‘रामकोट’ कहा जाता है, और इसी परिक्रमा में साधु-संत इस बार बड़ी संख्या में भाग लेंगे। इस आयोजन को खास बनाने के लिए मंदिरों से निकलने वाली झांकियों को भव्य तरीके से सजाया जाएगा।
रामकोट की परिक्रमा का महत्व
अयोध्या के साधु-संतों द्वारा राम मंदिर के चारों ओर परिक्रमा की जाएगी, जो रामकोट की परिधि के अनुसार होगी। इस साल परिक्रमा में विभिन्न मंदिरों से झांकियां निकाली जाएंगी, जिनमें बावन जी हनुमानगढ़ी, निशान के साथ सरयू मां और वशिष्ठ जी की झांकियां प्रमुख होंगी। इसके अलावा, कई अन्य मंदिरों की झांकियां भी प्रतीकात्मक रूप से शोभायात्रा में शामिल होंगी। यह परिक्रमा पिछले 21 वर्षों से लगातार होती आ रही है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस बार इसे और विशेष और भव्य बनाने की योजना बनाई गई है।
संतों की बैठक और आयोजन की तैयारियां
हाल ही में अयोध्या के एक प्रमुख मंदिर में संतों और महात्माओं की बैठक हुई, जिसमें यह तय किया गया कि इस बार की परिक्रमा को ऐतिहासिक रूप दिया जाएगा। संतों ने श्रद्धालुओं से इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सहयोग देने की अपील भी की। इस वर्ष परिक्रमा के दौरान हर झांकी को भव्य रूप से प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे यह आयोजन देखने लायक बनेगा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को भगवान श्रीराम की लीलाओं और उनकी महिमा से जोड़ना है।
परिक्रमा मार्ग की विशेष सजावट
बैठक में यह भी तय किया गया कि परिक्रमा मार्ग को भव्य तरीके से सजाया जाएगा। इस दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें रामायण पाठ, भजन-कीर्तन और प्रवचन जैसे कार्यक्रम होंगे। इस आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह है, और अयोध्या में इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।