Vikram Samvat 2082: 29 मार्च 2025 को 4:29:20 बजे नव विक्रम संवत 2082 में प्रवेश हो रहा है। चुकी उदित तिथि के अनुसार नववर्ष मनाया जाता है तो यह 30 मार्च 2025 से प्रारम्भ होगा। यह संवत सिद्धार्थ नामक संवत के नाम से जाना जाएगा।जिसके कारण जनमानस मे ज्ञान, वैराग्य, धार्मिक उत्थान व धार्मिक वृत्ती बढ़ेगी। शनि देव वर्ष के अधिपति रहेंगे व सूर्यदेव सहअधिपति होंगे, जिसके कारण ऋतु जनित प्रकोप होंगे, परिश्रम अधिक व फल कम मिलेगा, अनुपातिक लाभ कम होगा, युवक युवतियों को रोजगार कि समस्या बढ़ेगी, अग्निवात -अग्निकांड, विस्फोट से प्रदूषण, समुद्री चक्रवात, भूगर्जना, तापमान मे अतिवृद्धि के कारण जनधन कि हानि रहेंगी।
इस दौरान मार्ग का अवरोध बढ़ेगा, अपहरण, चोरी, लूटपाट मे अति वृद्धि होंगी। डकैतो का बोलबाला होगा, आम जनता को आर्थिक कष्ट रहेंगे, जान -माल से हाथ धोना पड़ेगा, धरती पर रोग और भूख अपना स्थान बना लेंगे, रोगों के कारण लोगो को परेशानी से गुजरना पड़ेगा, किसी तरह का रोग जनमानस मे व्याप्त हो सकता है, वर्षा कम होंगी, तालाब झीलों का जलस्तर घटेगा,फसलों को हानि होंगी, चारो तरफ कष्ट और विनाश कि स्थति दिखेगी, वर्षा का आभास होता रहेगा पर वर्षा कम होंगी।
राजा विनाश के मार्ग पर चलेंगे और एक दूसरे से युद्ध करेंगे
किसी नवीन कर प्रणाली के कारण जनमानस की कमर टूट जायेगी। आर्थिक मुद्रा कोष को संतुलित करने के लिए करो का भार बढ़ेगा। पशुओं के लिए खाधान्नों का आभाव रहेगा। राजा विनाश के मार्ग पर चलेंगे और एक दूसरे से युद्ध करेंगे। गर्मी अधिक पड़ेगी। तस्करो के लिए वर्ष विशेष फलप्रद है। कोयला, लोहा, तेल उद्योग से जुड़े लोगो को लाभ रहेगा। खनिज तत्व का उत्थान होगा। जोड़ो के दर्द, कमर के दर्द बढ़ेंगे, राष्ट्रीय निर्यात मे कोई संकट रहेगा, सार्वजनिक धन का दुरूपयोग होगा, चमड़ा उद्योग को लाभ, कही कही तख्ता पलट होगा। छिपे शत्रु वाहर निकलेंगे, न्यायाधीशो के लिए वर्ष शुभ लेकिन भ्रष्टाचार करने वाले दण्डित होंगे, बाजार मे मंदी रहेंगी।काले रंग से जुड़े लोगो के लिए वर्ष विशेष फलदायी रहेगा।
विशेष व्यक्ति पर घात लगाकर हमाले की आशंका
29 मार्च 2025 को ही शनि मीन राशि मे प्रवेश कर रहा है यह एक जलतत्व वाली राशि है। अतः मशीनरी जल्दी जंग पकड़ेगी। लालसा और वेश्यावृत्ति बढ़ेगा। मीन गुरु विवाह के कारक की राशि है अतः विवाह /वैवाहिक जीवन मे परेशनीया बढ़ेगी, जिस पर ईश्वर की कृपा रहेंगी वह सकुशल रहेगा। समुद्र, जलीय क्षेत्र, मछली,जहाँ मछलीया अधिक हो वह विशेष कष्ट है। किसी विशेष व्यक्ति पर घात लगाकर हमाले की आशंका रहे। आश्रम, अस्पताल, पागलखाने खतरे मे रहेंगे। राजनेता-नायक, विशिष्ट शासकीय अधिकारी को चिंता रहेंगी एवं समस्या का सामना करना पड़ेगा।
राज्य सरकार केंद्र सरकारों में भी टकराव की स्थिति
शनि सूर्य शत्रु है अतः सरकार व मंत्रियों में टकराव अनबन रहेंगी। राज्य सरकार केंद्र सरकारों में भी टकराव की स्थिति आएगी।सत्ता का परिवर्तन कही तख्तापलट भी देखने को मिलेगा। दलित नेता उभर कर आएंगे उन्हें कमान मिलेगी, दलितों आदि के लिए विशेष फलदायी रहेगा। शनि जिनको लाभ कर रहा है वो लोग बहुत उन्नति, समृद्धि, राजयोग प्राप्त करेंगे। बाकी को कष्ट बहुत रहेगा। खान, खनिज तत्वों की खोज होंगी उससे जुड़े लोग लाभ प्राप्त करेंगे। भारत में पश्चिम, सौराष्ट्र, विदिशा, राजस्थान, रेगिस्तान क्षेत्र, जलीय क्षेत्र खतरे में रहेंगे। स्वास्थय पीड़ा मे वृद्धि, महामारी योग बने।रक्षा व सुरक्षा भी शनिदेव के पास है अतः देश विदेश के सीमा भावो मे संघर्ष विवाद, आतंक, नक्सलवाद के कारण कष्ट सम्भव है।
शनिदेव भ्रष्टाचारियो के लिए विशेष पीड़ादायक होंगे
वर्ष लग्न प्रवेश सिंह स्थिर राशि मे है जोकि अग्नि तत्व वाली राशि है। लग्नेश सूर्य चंद्र शुक्र बुध राहु एक साथ अष्टम भाव मे है तथा शनि मीन राशि के निकटतम स्थिति पर है जोकि सभी से मिल जाएगा अतः शुभ संज्ञा का परिचायक नहीं है। नवीन सूत्रों के कारण आर्थिक कष्ट बनेगा, आर्थिक क्षेत्र में गिरावट रहेगी, सीमा संभाग में विवाद रहेंगे। व्यय से जन मानस में त्रासदी रहेंगी। इसलिए धन की बचत करके चले। शनिदेव भ्रष्ट, भ्रष्टाचारव भ्रष्टाचारियो को विशेष पीड़ादायक होंगे। इस वर्ष मे महामृत्युंजय मंत्र व देवी कवच विशेष फलदायी है जिनका प्रयोग अपने दैनिक जीवन मे बढ़ाकर लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
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