Chaitra Navratri 2025 : चैत्र नवरात्रि की शुभ शुरुआत हो चुकी है, और इन नौ दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दौरान देवी स्वयं धरती पर आकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का आरंभ 30 मार्च से हुआ है। उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद भारद्वाज के अनुसार, नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की विशेष पूजा करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं कि इस दिन देवी की उपासना कैसे करें और उन्हें कौन सा भोग अर्पित करना शुभ होता है।
क्या है मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व ?
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की श्रद्धा और विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति के भीतर साहस और आत्मविश्वास का संचार होता है। साथ ही, कुंडली में मौजूद शुक्र ग्रह से जुड़े दोष भी समाप्त हो जाते हैं, क्योंकि मां चंद्रघंटा का संबंध शुक्र ग्रह से माना जाता है। यदि परिवार में सुख-समृद्धि और शांति की कामना है, तो देवी की आराधना करना अत्यंत लाभकारी होता है।
जो लोग विवाह में बाधाओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए भी मां चंद्रघंटा की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। देवी की कृपा से विवाह संबंधित अड़चनें दूर होती हैं और रिश्ते जल्दी तय होने लगते हैं। इसके अतिरिक्त, मां की आराधना करने से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में तरक्की और सफलता प्राप्त होती है।
अत्यंत सौम्य है मां चंद्रघंटा का स्वरूप
मां चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत सौम्य और शांतिदायक है। वह सिंह पर विराजमान रहती हैं, जो उनकी शक्ति और साहस का प्रतीक है। उनके मस्तक पर अर्धचंद्र सुशोभित होता है, जिसके कारण उन्हें ‘चंद्रघंटा’ नाम से पुकारा जाता है। मां चंद्रघंटा के दस हाथ होते हैं, जिनमें अलग-अलग शस्त्र सुशोभित हैं। वह गदा, त्रिशूल, तलवार और धनुष धारण किए रहती हैं, जो उनके पराक्रम और शक्ति का प्रतीक हैं।
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उनकी मुद्रा ऐसी है कि वे सदैव दुष्टों के विनाश और भक्तों की रक्षा के लिए तत्पर रहती हैं। मां चंद्रघंटा की कृपा से भक्तों के जीवन से समस्त दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं। इस नवरात्रि, मां चंद्रघंटा की विधिपूर्वक पूजा कर उनकी कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन में सुख, शांति और सफलता का मार्ग प्रशस्त करें।
क्या है मां चंद्रघंटा का प्रिय प्रसाद ?
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मानसिक, शारीरिक और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए माता को दूध से बनी मिठाइयों और खीर का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से देवी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
अराधना के समय करें इस मंत्र का जाप
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।।
पिंडज प्रवरारूढ़ा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघंटेति विश्रुता।।
ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥
इस मंत्र का जाप करने से मां चंद्रघंटा की कृपा प्राप्त होती है, और जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता का संचार होता है।