Sonbhadra cyber crime सोनभद्र (उत्तर प्रदेश), 2 अप्रैल सोनभद्र जिले के शक्तिनगर थाना क्षेत्र के बीना इलाके में कार्यरत नेशनल कोल फील्ड लिमिटेड (एनसीएल) के एक कर्मचारी से 2.27 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़ित ने पुलिस की साइबर अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज कराई है, और पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
कैसे हुआ धोखाधड़ी का शिकार
एनसीएल कर्मचारी युगल किशोर तिवारी ने अपनी शिकायत में बताया कि 13 जनवरी 2025 को उनके व्हॉट्सएप पर एक संदिग्ध लिंक आया। इस लिंक के माध्यम से उन्हें एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया गया। यह ऐप एक अज्ञात स्रोत से था, लेकिन ऐप में दिखाए गए लुभावने मुनाफे के कारण उन्होंने इसे डाउनलोड कर लिया।
ऐप डाउनलोड करने के बाद, उन्हें दो डीमैट खातों की जानकारी दी गई और आश्वासन दिया गया कि यदि वे इसमें निवेश करेंगे, तो उन्हें शेयर बाजार में भारी मुनाफा होगा।
आरोप है कि इस भरोसे के आधार पर युगल किशोर तिवारी और उनकी भतीजी ने कई बार में कुल 2.27 करोड़ रुपये इन खातों में ट्रांसफर कर दिए। शुरुआत में उन्हें कुछ छोटे-मोटे लाभ दिखाए गए, जिससे उनका विश्वास बढ़ा और उन्होंने और अधिक निवेश करना जारी रखा। लेकिन कुछ समय बाद, जब उन्होंने अपना पैसा वापस मांगने की कोशिश की, तो संपर्क बंद हो गया और ऐप भी अचानक काम करना बंद कर दिया।इसके बाद उन्हें धोखाधड़ी का एहसास हुआ, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
पुलिस जांच में जुटी
साइबर प्रकोष्ठ के प्रभारी राजेश सिंह ने बताया कि यह मामला शेयर बाजार में निवेश के नाम पर ठगी से जुड़ा है। इस तरह के अपराध में ठग लोग ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप्स के माध्यम से भोले-भाले निवेशकों को लालच देकर फंसा लेते हैं और फिर उनसे मोटी रकम ऐंठकर गायब हो जाते हैं।
पुलिस ने मंगलवार को शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि साइबर टीम मनी ट्रेल की जांच कर रही है और जिन बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए, उनकी जानकारी निकाली जा रही है।
इसके अलावा, पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि ठगों का नेटवर्क कहां से संचालित हो रहा था और क्या यह किसी बड़े साइबर क्राइम गैंग का हिस्सा है।
सावधानी बरतने की अपील
इस घटना को देखते हुए साइबर पुलिस और विशेषज्ञों ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे:
किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें – साइबर अपराधी अक्सर फर्जी लिंक भेजकर लोगों को झांसा देते हैं।
अज्ञात ऐप्स डाउनलोड करने से बचें – केवल आधिकारिक और प्रमाणित स्रोतों से ही ऐप डाउनलोड करें।
बड़े निवेश करने से पहले पूरी जांच करें – शेयर बाजार या ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से प्रमाणित प्लेटफॉर्म का ही इस्तेमाल करें।
संभावित ठगी की सूचना तुरंत दें – यदि किसी को संदेह होता है कि वे धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं, तो तुरंत साइबर अपराध हेल्पलाइन (1930) पर कॉल करें।
बैंकिंग और वित्तीय विवरण किसी के साथ साझा न करें – ठग अक्सर लोगों को कस्टमर केयर अधिकारी बनकर कॉल करते हैं और बैंक की जानकारी मांगते हैं।
बढ़ते साइबर अपराध और सतर्कता की जरूरत
यह मामला साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं की ओर इशारा करता है। खासकर ऑनलाइन निवेश के नाम पर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
हाल ही में, कई राज्यों में फर्जी ट्रेडिंग और निवेश योजनाओं के जरिए लाखों-करोड़ों रुपये की ठगी के मामले सामने आए हैं।
इसलिए, डिजिटल लेन-देन और ऑनलाइन निवेश करते समय सतर्कता बेहद जरूरी है। अगर कोई अचानक ज्यादा मुनाफा देने का वादा करता है, तो पहले उसकी सत्यता की जांच करें और फिर ही कोई निर्णय लें।
सोनभद्र का यह मामला एक बड़ा साइबर घोटाला है, जिससे सीख लेते हुए अन्य लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और उम्मीद है कि अपराधियों को जल्द पकड़ा जाएगा।
अगर आपको भी कोई संदिग्ध ऑनलाइन निवेश योजना या ऐप दिखे, तो तुरंत इसकी शिकायत साइबर अपराध शाखा से करें और अपने धन की सुरक्षा सुनिश्चित करें।