Credit card EMI advantages and disadvantages आज के समय में क्रेडिट कार्ड सिर्फ पेमेंट करने का तरीका नहीं, बल्कि लोगों की आदत बन चुका है। शहरी इलाकों से लेकर छोटे कस्बों तक, लोग अब क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल मोबाइल खरीदने, बिल भरने या ट्रैवल बुकिंग तक में कर रहे हैं। इसी में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली सुविधा है। EMI यानी आसान मासिक किश्तें।
क्रेडिट कार्ड EMI ने महंगी चीजें खरीदना आसान बना दिया है। अब लोग बड़ी रकम एकसाथ देने के बजाय उसे हर महीने थोड़ी-थोड़ी किश्त में चुका सकते हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या EMI वाकई एक सहूलियत है या ये आपको धीरे-धीरे कर्ज में डुबो सकती है?
क्या होती है क्रेडिट कार्ड EMI
जब आप कोई महंगा सामान जैसे फोन, फ्रिज या टीवी खरीदते हैं और उसे एकसाथ चुकाने के बजाय हर महीने एक निश्चित रकम में भुगतान करते हैं, तो वो EMI कहलाती है। कई बार कंपनियां “नो-कॉस्ट EMI” का ऑफर देती हैं, जिसमें ब्याज दर नहीं दिखाई जाती, लेकिन अक्सर उसकी भरपाई कहीं और से कर ली जाती है।
EMI के नुकसान-जरूरत से ज्यादा खर्च की आदत
बजट बिगाड़ देती है लोग छोटी EMI देखकर कई चीजें एकसाथ खरीद लेते हैं। जब हर महीने चार-पांच EMI कटती हैं, तो सैलरी का बड़ा हिस्सा वहीं चला जाता है। इससे आपकी सेविंग पर असर पड़ता है।
ब्याज दरों का बोझ कई बार नो-कॉस्ट EMI के नाम पर ब्याज छिपा दिया जाता है। सामान्य EMI पर 12–18% तक का ब्याज लग सकता है। ये भले ही क्रेडिट कार्ड के 36–48% ब्याज से कम हो, पर फिर भी एक फाइनेंशियल बोझ बन जाता है।
क्रेडिट स्कोर पर असर अगर आप समय पर EMI नहीं भर पाए, तो बैंक पेनाल्टी लगाता है और आपका क्रेडिट स्कोर भी गिरता है। इससे आगे चलकर लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है।
भावनात्मक खरीदारी EMI की वजह से लोग कई बार ऐसे सामान भी खरीद लेते हैं जिसकी जरूरत नहीं होती। इससे न सिर्फ फालतू खर्च होता है, बल्कि कर्ज भी बढ़ता है
EMI के फायदे – सही समय पर सही इस्तेमाल
बड़ी खरीद आसान जब एकसाथ पैसे देना मुश्किल हो, तब EMI एक अच्छा विकल्प बन सकता है। इससे जरूरी चीजें ली जा सकती हैं बिना सेविंग पर असर डाले।
तय किश्त से प्लानिंग आसान,हर महीने एक तय EMI होने से खर्च का अंदाजा रहता है और बजट बनाना आसान हो जाता है।
ब्याज दर थोड़ी कम क्रेडिट कार्ड का बकाया छोड़ने से ज्यादा बेहतर है EMI का विकल्प, क्योंकि उसकी ब्याज दर कुछ कम होती है।
समय पर भुगतान से फायदा अगर आप हर EMI वक्त पर भरते हैं, तो इससे आपका क्रेडिट स्कोर सुधरता है, जो भविष्य में किसी लोन के लिए फायदेमंद होता है।
EMI लेने से पहले क्या सोचें
EMI चुनने से पहले ये देखें कि आपकी आय स्थिर है या नहीं। EMI का कुल हिस्सा आपकी सैलरी का 20–30% से ज्यादा न हो। ऑफर के छोटे अक्षरों में लिखी शर्तों को जरूर पढ़ें। और सबसे जरूरी बात – सोचें कि क्या वाकई वो खरीदारी जरूरी है?
सोच समझकर फैसला लें
क्रेडिट कार्ड EMI आपके लिए मददगार साबित हो सकती है, लेकिन बिना सोच-विचार के लिए गई EMI आगे चलकर बड़ी परेशानी बन सकती है। तो अगली बार जब कोई नया ऑफर दिखे, तो पहले अपना बजट और जरूरतें जरूर जांचें।