कानपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को कानपुर आ रहे हैं। इस दौरान वह मेट्रो के अलावा गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे। शहरवासियों की करोड़ों की सौगात देने के साथ ही भूमिगत मेट्रो पर सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ सफर भी कर सकते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे से ठीक पहले यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव कानपुर आए और सीएसए जाकर सुरक्षा-व्यवस्था को परखा।
24 अप्रैल को कानपुर आ रहे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ साल पहले कानपुर के गोविंदगपुरी रेलवे स्टेशन का शिलान्यास किया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि ये रेलवे स्टेशन आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और इसका उद्घाटन वह खुद करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी के सपनों को रेलवे ने पूरा कर दिया। गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन बनकर तैयार हो गया है। 24 अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी अब हरी झंडी दिखाकर यहां से ट्रेनों का संचालन करेंगे। ये रेलवे स्टेशन भारत का देश का दूसरा रेलवे स्टेशन है, जिसकी कमान महिलाओं के हाथो में हैं।
2018 में महिलाओं को सौंपी गई थी कमान
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल की तर्ज पर दक्षिण का गोविंदपुरी स्टेशन का निर्माण करवाया गया है। 100 से अधिक ट्रेनें सेंट्रल स्टेशन से यहां पर शिफ्ट किया जाएगा। इनमें वंदे भारत, राजधानी-शताब्दी समेत सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन शामिल हैं। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि अमृत भारत योजना के तहत गोविंदपुरी स्टेशन के विकास का काम 18.36 करोड़ रुपये में करवाया गया है। वर्ष 2018 में उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) का ये पहला रेलवे स्टेशन बन गया है, जहां महिला अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं।
6 लाख यात्री करते हैं सफर
गोविंदपुरी स्टेशन कानपुर दक्षिण का ऐसा रेलवे स्टेशन है, जो प्रतिवर्ष साढ़े छह लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रहा है। कानपुर में सेंट्रल व अनवरगंज के बाद तीसरा सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है। दिल्ली-हावड़ा, लखनऊ वाया कानपुर-झांसी मुंबई रेलमार्ग की 300 से अधिक ट्रेनें यहां से गुजरती हैं। झांसी लाइन से भीमसेन के रास्ते बुंदेलखंड का जुड़ाव भी इसी स्टेशन से होता है। 1970 तक इसका नाम जूही था। फिर जैसे-जैसे दक्षिण के मोहल्लों में लोग बढ़े, इसका महत्व भी बढ़ता गया। गोविंद नगर के पास होने के कारण इसका नाम बदलकर गोविंदपुरी कर दिया गया।
100 से अधिक ट्रेनों का संचालन
दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग की 100 से ज्यादा ट्रेनें गोविंदपुरी, सेंट्रल होकर गुजरती हैं। इनमें अधिकांश गोविंदपुरी के रास्ते ही चलने लगेंगी। इस स्टेशन से सेंट्रल के बीच डायमंड क्रासिंग खत्म की गई हैं। इससे गोविंदपुरी से झांसी व दिल्ली रूट पर जाने के लिए अलग-अलग लाइनों पर ट्रेनें चल रही हैं। झांसी से गोविंदपुरी आ रही ट्रेनें भीमसेन के पास नहीं रुक रहीं। पहले दिल्ली से आने वाली ट्रेनों को सिग्नल न मिले तो रोकना पड़ता था। अब ये बाधा खत्म है।
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन का निर्माण
गोविंद रेलवे स्टेशन में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत लिफ्ट लगाई गई है। स्वचलित सीढ़ियां भी बनाई गई हैं। स्टेशन की बहुमंजिला इमारत में आधुनिक सुविधा से लैस है। स्टेशन के बाहर होल्डिंग एरिया का विकास किया गया है। यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। दिल्ली साइड पैदल पुल व बड़े पार्किंग स्थल का काम लगभग-लगभग पूरा हो गया हे। नए आरक्षण काउंटर के साथ ही रेल कोच रेस्टोरेंट बन कर तैयार हो गया है। दो नए प्लेटफार्म भी बनाए गए हैं। पेयजल के लिए ओवरहेड टंकी का निर्माण करवाया गया है।
इन सुविधाओं से लैस रेलवे स्टेशन
शौचालय, बैठने के लिए कुर्सियांं की व्यवस्था की गई है। एग्जीक्यूटिव लाउंज के साथ ही स्लीपिंग पाड भी बनवाए गए हैं। अब गोविंदपुरी में प्लेटफार्म पर कोच की स्थिति बताते बोर्ड, इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले, फ्रीजर, नई लूप लाइन के साथ ही सभी प्लेटफार्मों पर यात्री सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। वाटरिंग सिस्टम का कनेक्शन ओवरहेड टैंक से हुआ है। फूड प्लाजा, वीआइपी यात्री प्रतीक्षालय भी बनकर तैयार हो गया है।
सभी महिला कर्मचारियों की तैनाती
भारतीय रेलवे द्वारा कानपुर जिले के गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को राज्य का पहला महिला स्टाफ वाला रेलवे स्टेशन घोषित किया गया है। यहां महिलाए ही टिकट काउंटर, टीटीई, सफाईकर्मी व आरपीएफ भी महिला कर्मियों की तैनाती की गई है। 2018 में विश्व महिला दिवस पर रेलवे स्टेशन की कमान महिलाओं को दी गई थी। इसके पहले मुंबई के माटुंगा रेलवे स्टेशन को करीब एक साल पहले महिलाओं के संचालन में दिया गया था। इसके पीछे प्रमुख उद्देश्य नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देना था।
नेहा शर्मा पहली स्टेशन मास्टर
स्टेशन पर ट्रेनों के संचालन टिकटों के वितरण और सुरक्षा जैसी सभी अहम जिम्मेदारिया महिलाओं को दी गई है। इसके लिए लगभग 30 महिलाएं गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन पर तैनात की गई हैं। 2009 बैच की रेलवे कर्मचारी नेहा मिश्रा को यहां की पहली स्टेशन मास्टर बनाई थीं। जबकि सीट बुकिंग की जिम्मेदारी सीनियर बुकिंग क्लर्क संतोष शर्मा को सौंपी गई थी। जीएमसी पर तैनात रितु सिंह को आरपीएफ की कमान मिली थी। जीआरपी ने भी लगभग एक दर्जन महिलाओं को गोविंदपुर रेलवे स्टेशन पर तैनात किया है।