Masood Azhar, जो कि भारतीय संसद हमले और पुलवामा हमले जैसे घातक हमलों का मुख्य आरोपी था, अपने परिवार के साथ इस हमले का शिकार हुआ। सूत्रों के अनुसार, मसूद अजहर के साथ उनके भाई मौलाना कशफ साहिब, मुफ़्ती अब्दुल रऊफ साहिब और उनकी बेटी बाजी सादिया के चार बच्चे भी मारे गए हैं। हमले में महिलाओं और बच्चों की भी बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं, जबकि बाजी सादिया के पति और कुछ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
मुल्क और दुनिया भर के सुरक्षा अधिकारियों के लिए यह एक कड़ी चुनौती थी, क्योंकि Masood Azhar लंबे समय से पाकिस्तान में छिपा हुआ था और उसकी गिरफ्तारी से बचने में माहिर था। उसे 1999 में भारतीय विमान अपहरण के बाद रिहा किया गया था, और तब से वह आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। इसके बावजूद, उसकी मौत की खबर ने सुरक्षा बलों और आतंकवाद विरोधी संगठनों को राहत दी है।
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हालाँकि, इस घटना के बाद भी, कुछ संदिग्ध बातें सामने आई हैं। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक संदेश में दावा किया गया है कि Masood Azhar ने एक पत्र छोड़ा था, जिसमें उसने अपने परिवार के 14 सदस्यों की मौत का दुख जताया। लेकिन इस पत्र की प्रामाणिकता को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। यदि वह मारा गया था, तो पत्र कैसे लिखा गया? यह असंगति इस बात को उजागर करती है कि या तो यह पत्र झूठा है, या अजहर की मौत के बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
अभी तक इस हमले की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, और किसी सरकारी सूत्र से इस घटना पर कोई बयान नहीं आया है। बावजूद इसके, सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर बहस और अफवाहों का बाजार गर्म है।
इस रिपोर्ट की सत्यता की पुष्टि किए बिना, हम इसे संदेह के साथ स्वीकार करते हैं। हालांकि, अगर यह सच साबित होता है, तो यह एक बड़ी सफलता होगी, जो जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी नेटवर्क को एक बड़ी चोट पहुँचा सकती है।