Mayawati on hate speech: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने भारतीय सेना की एक मुस्लिम महिला प्रवक्ता पर मध्यप्रदेश के एक वरिष्ठ भाजपा मंत्री द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी की कड़ी निंदा की है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। मायावती ने कहा कि यह बयान न केवल शर्मनाक है, बल्कि भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद बने देश के उत्साहपूर्ण माहौल को भी बिगाड़ने वाला है। उन्होंने भाजपा नेतृत्व से इस बयान को गंभीरता से लेने और दोषी मंत्री पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अपील की है ताकि राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता पर कोई आंच न आए।
2. इस क्रम में मध्यप्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा मुस्लिम महिला सेना प्रवक्ता के सम्बंध में की गई अभद्र टिप्पणी को भाजपा व केन्द्र सरकार गंभीरता से लेकर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई जरूर करे, ताकि दुश्मनों के नापाक मंसूबे नाकाम हों और देश में आपसी भाईचारा व समरसता न बिगड़ने पाए।
— Mayawati (@Mayawati) May 14, 2025
ऑपरेशन की सफलता के बाद आई शर्मनाक टिप्पणी
Mayawati ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर दो पोस्ट करते हुए इस मुद्दे पर चिंता जताई। उन्होंने लिखा कि जब देश ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता से गर्वित था, तब एक मंत्री का मुस्लिम महिला प्रवक्ता पर अमर्यादित बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई थी, जो 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद अंजाम दी गई। इस ऑपरेशन की सफलता पर पूरा देश गर्व कर रहा था, लेकिन मंत्री के बयान ने इस सकारात्मक माहौल को आहत किया है।
समर्थकों और आम जनता की तीखी प्रतिक्रिया
Mayawati की पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं तेज हो गईं। एक यूजर ने लिखा, “जब पूरा देश सेना के साथ था, तब भाजपा नेता महिला प्रवक्ता पर हमला कर रहे थे।” वहीं, कई लोगों ने मायावती की इस पहल की सराहना की और उन्हें सर्व समाज की नेता बताया। हालांकि, कुछ यूजर्स ने मायावती की आलोचना भी की और उनके राजनीतिक प्रभाव पर सवाल उठाए।
भाजपा पर बार-बार ऐसे विवादों के आरोप
यह कोई पहली बार नहीं है जब भाजपा के नेताओं की बयानबाजी विवाद में आई हो। इससे पहले भी नूपुर शर्मा जैसे नेताओं की टिप्पणियों ने देश और विदेश में तीखी प्रतिक्रियाएं बटोरी थीं। Mayawati ने कहा कि ऐसे मामलों में केंद्र सरकार को त्वरित और सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि देश की एकता, सेना का सम्मान और सामाजिक सद्भाव बना रहे।