Tral encounter: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में सुरक्षाबलों ने आतंक के खिलाफ एक और बड़ी सफलता हासिल की है। 15 मई 2025 को अवंतीपोरा के नाडेर गांव में चले Tral एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के तीन खूंखार आतंकियों को मार गिराया, जिनमें 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड आसिफ अहमद शेख भी शामिल था। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। एनकाउंटर के दौरान भारी गोलीबारी हुई, जिसमें तीनों आतंकियों का अंत कर दिया गया। पूरे इलाके को घेरकर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है, क्योंकि अभी दो और आतंकियों के छिपे होने की आशंका जताई जा रही है। सुरक्षाबलों की यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश है।
त्राल में चला सटीक और संगठित ऑपरेशन
अवंतीपोरा के नाडेर गांव में 15 मई को तड़के सुरक्षाबलों ने खुफिया सूचना के आधार पर तलाशी अभियान शुरू किया। यह इलाका घने जंगलों और ग्रामीण बस्तियों से घिरा है, जो अक्सर आतंकियों के छिपने का अड्डा बनता है। जैसे ही सुरक्षा बलों ने गांव की घेराबंदी की, आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने मोर्चा संभाला और कुछ घंटों में ही जैश के तीन आतंकियों को ढेर कर दिया।
पहलगाम हमले से जुड़ा था मारा गया आतंकी
Tral एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों की पहचान आसिफ अहमद शेख, निजार वानी और यावर भट्ट के रूप में हुई है। आसिफ पहलगाम आतंकी हमले के दौरान स्पॉट पर मौजूद था और सुरक्षाबलों की रडार पर था। उसे इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा था। निजार और यावर ने हमला स्थल पर मौजूद न होते हुए भी उसकी योजना और सहायता में बड़ी भूमिका निभाई थी। सुरक्षाबलों ने इससे पहले आसिफ के घर को विस्फोट से उड़ा दिया था, ताकि उसके नेटवर्क को तोड़ा जा सके।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकी हरकतों में तेजी
22 अप्रैल के हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश के ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था, जिसमें जैश के टॉप कमांडर रऊफ असगर समेत दर्जनों आतंकियों का सफाया किया गया। इसके बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों ने घाटी में घुसपैठ और हमले बढ़ा दिए। 13 मई को शोपियां में तीन लश्कर आतंकियों के मारे जाने के बाद अब त्राल में जैश को बड़ा झटका दिया गया है।
इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी
हालांकि Tral का एनकाउंटर खत्म हो गया है, लेकिन सुरक्षाबलों को अभी दो और आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। पूरे इलाके में ड्रोन से निगरानी और घर-घर तलाशी चल रही है। स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है। सेना का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ यह मुहिम तब तक रुकेगी नहीं जब तक घाटी से अंतिम आतंकी का सफाया न हो जाए।