Big Relief for Sugarcane Farmers गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। अब किसानों को अपने गन्ने के पैसे के लिए गन्ना समितियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। प्रशासन ने यह तय किया है कि अब शुगर मिलें किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान करेंगी। इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसानों को समय पर पैसा मिलेगा।
गड़बड़ी के बाद लिया गया बड़ा फैसला
हापुड़ जिले की गन्ना सहकारी समिति में करीब 8 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया। समिति के सचिव और लिपिक ने मिल के कर्मचारियों के साथ मिलकर किसानों के पैसों को अपने और अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर करा लिया। इसमें कुछ बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है।
फर्जी हस्ताक्षरों से तोड़ी गई एफडी
जब किसानों को भुगतान नहीं मिला, तो आरोपियों ने समिति की एक करोड़ रुपये की एफडी को फर्जी दस्तावेज़ों से तुड़वा लिया। इस पैसे से कुछ किसानों को भुगतान किया गया और बाकी रकम आरोपियों ने हड़प ली। जैसे ही यह घोटाला सामने आया, जिले में हड़कंप मच गया।
डीएम की सख्ती से हरकत में आया प्रशासन
जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय ने इस मामले में सख्ती दिखाई। जांच में समिति और बैंक कर्मचारियों की गलती साबित हुई। जिन खातों में गड़बड़ी का पैसा गया, उन सभी को आरोपी बनाया गया और दोषियों को निलंबित कर दिया गया है। मामले की मजिस्ट्रेट जांच का जिम्मा एसडीएम अंकित वर्मा को सौंपा गया है।
अब नियमों में बदलाव की तैयारी
गन्ना उपायुक्त आर.के. मिश्रा ने बताया कि अब गन्ना भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए नियमों में बदलाव किया जाएगा। उनका कहना है कि अब किसानों को कोई बिचौलिया नहीं चाहिए, और सभी योजनाओं का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचेगा।
गन्ना समितियों की भूमिका खत्म
पहले गन्ना समितियां किसानों और मिलों के बीच का काम करती थीं। इन्हें बीज, खाद, दवाइयां और भुगतान पर कमीशन मिलता था। लेकिन अब यह व्यवस्था पूरी तरह बंद कर दी गई है। इससे किसानों को सीधा फायदा होगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।