New Rules for Animal Load & Transport : पशुपालन विभाग ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का हवाला देते हुए कुछ अहम निर्देश जारी किए हैं। इन नए नियमों के अनुसार अब यह तय कर दिया गया है कि कौन-सा पशु, कितनी मात्रा में वजन खींच सकता है। इससे पशुओं के साथ हो रही ज़्यादती को रोका जा सकेगा और उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा सकेगा।
जानवरों के लिए तय हुआ कितना भार?
छोटे बैल या छोटे भैंसे को दोपहिया वाहन में 1000 किलो तक का वजन खींचने की इजाज़त होगी। अगर वाहन में हवा वाले टायर लगे होंगे, तो अधिकतम 750 किलो तक भार खींचा जा सकता है, और यदि टायर बिना हवा के हैं, तो अधिकतम 500 किलो ही लादा जा सकता है।
इसी तरह
मध्यम बैल या भैंसा – 1400 से 700 किलो
बड़ा बैल या भैंसा – 1350 से 900 किलो
घोड़ा या खच्चर – 750 से 500 किलो
टट्टू (पोनी) – 600 से 400 किलो
ऊंट – 1000 किलो
पीठ पर बोझ ढोने वाले जानवर
छोटा बैल या छोटा भैंसा – 100 किलो
मध्यम बैल या भैंसा – 150 किलो
बड़ा बैल या भैंसा – 175 किलो
खच्चर – 200 किलो
टट्टू (पोनी) – 70 किलो
गधा – 50 किलो
ऊंट – 150 किलो
जानवरों की सवारी और समय सीमा
ऐसे वाहन जिनमें जानवर जुते होते हैं, उनमें सिर्फ चार लोगों को बैठने की इजाज़त होगी। इसमें ड्राइवर और छह साल से कम उम्र के बच्चे शामिल नहीं होंगे।
इसके अलावा कुछ और ज़रूरी नियम बनाए गए हैं।
किसी भी जानवर से लगातार पांच घंटे से ज़्यादा काम नहीं लिया जा सकता।
एक दिन में नौ घंटे से ज़्यादा जानवर से काम नहीं लिया जाएगा।
जहां तापमान 37°C से ऊपर हो, वहां दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच जानवरों से काम लेना मना है।
नुकीली लकड़ियों या तेज औजारों का इस्तेमाल जानवरों पर नहीं किया जाएगा।
सख्त निगरानी और कार्रवाई
पशुपालन विभाग के निदेशक प्रशासन और विकास, डॉ. जयकेश कुमार पांडेय ने सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इन नियमों का कड़ाई से पालन कराएं। यदि कहीं पशु क्रूरता की जानकारी मिलती है, तो तुरंत कार्रवाई की जाए।