UP DGP 2025: उत्तर प्रदेश पुलिस के मौजूदा डीजीपी प्रशांत कुमार 31 मई 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में नए डीजीपी की तलाश तेज हो गई है। इस रेस में दो नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं—मनमोहन कुमार बशाल और तिलोत्तमा वर्मा। अगर बशाल को यह जिम्मेदारी मिलती है, तो यूपी को लंबे समय बाद एक दलित डीजीपी मिलेगा। वहीं अगर तिलोत्तमा वर्मा को यह पद सौंपा गया, तो वह राज्य की पहली महिला डीजीपी बनेंगी। यह फैसला सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांकेतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। दोनों अधिकारी 1990 बैच के अनुभवी आईपीएस हैं, जिनका करियर बेदाग और उल्लेखनीय रहा है।
कौन हैं मनमोहन कुमार बशाल?
UP आईपीएस मनमोहन कुमार बशाल वर्ष 1990 बैच के अधिकारी हैं। दिल्ली मूल के बशाल का जन्म 1966 में हुआ था। उन्होंने बीटेक की पढ़ाई की और 1992 में उन्हें सेवा में कंफर्मेशन मिला। बशाल का करियर लगातार तरक्की करता गया। उन्हें 2005 में डीआईजी, 2010 में आईजी और 2014 में एडीजी पद पर प्रमोट किया गया। इसके बाद वर्ष 2023 में उन्हें डीजी रैंक प्राप्त हुई। वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं। बशाल को एक कड़क और प्रशासनिक अनुशासन वाले अधिकारी के रूप में जाना जाता है।
कौन हैं तिलोत्तमा वर्मा?
वर्ष 1990 बैच की ही UP आईपीएस अधिकारी तिलोत्तमा वर्मा का जन्म 1965 में हिमाचल प्रदेश के शिमला में हुआ। उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में बीए ऑनर्स और फिर एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। 1993 में उन्हें कंफर्मेशन मिला और उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक जिम्मेदारियां निभाईं। उन्हें 2005 में डीआईजी, 2010 में आईजी, 2015 में एडीजी और 2024 में डीजी पद पर प्रमोशन मिला। तिलोत्तमा वर्मा फिलहाल पुलिस प्रशिक्षण मुख्यालय में महानिदेशक के रूप में सेवाएं दे रही हैं। वे अपने सौम्य व्यवहार और नारी सशक्तिकरण को लेकर भी जानी जाती हैं।
फैसला केवल प्रशासनिक नहीं, सामाजिक संकेत भी
UP डीजीपी के चयन को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय और गृह विभाग में मंथन तेज हो गया है। अगर बशाल चुने जाते हैं, तो यह दलित प्रतिनिधित्व को बड़ा संदेश होगा। वहीं तिलोत्तमा की नियुक्ति, महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम मानी जाएगी। अब देखना यह है कि योगी सरकार किसे राज्य पुलिस की कमान सौंपती है।