How to Reduce Stress: आजकल की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में ज्यादातर लोग अकेलेपन और तनाव का सामना कर रहे हैं। लोग इतने व्यस्त हैं कि उनके पास खुद के लिए तो समय है ही नहीं, दूसरों से बात करने और अपने मन की भावनाएं बांटने का भी मौका नहीं मिल पाता। ऐसे में तनाव और बेचैनी धीरे-धीरे मन में घर कर लेती हैं।
ऐसे हालात में जर्नलिंग यानी अपने विचारों और भावनाओं को लिखना एक बेहतरीन तरीका बन सकता है। ये सिर्फ अपने मन की बातें लिखना नहीं है, बल्कि खुद से जुड़ने और अपने मन को समझने का जरिया है। इसके लिए सिर्फ एक पेन और एक डायरी चाहिए। चलिए जानते हैं कि जर्नलिंग कैसे आपके तनाव को कम कर सकती है।
जो मन में है, उसे लिख डालिए
जब मन भारी हो या कोई बात परेशान कर रही हो, तो उसे कागज़ पर उतार देना बहुत सुकून देता है। लिखने से लगता है जैसे किसी ने आपकी बात सुन ली हो, और इससे मन हल्का होता है। जर्नलिंग आपकी अनकही बातों को बाहर लाने का सबसे अच्छा तरीका है।
सोचें साफ होंगी
अगर आप किसी उलझन या कन्फ्यूजन में हैं, तो लिखना आपके विचारों को साफ करने में मदद करता है। आप जो महसूस कर रहे हैं, उसे दो-तीन तरीके से लिखिए, इससे आपको खुद ही समझ में आने लगेगा कि क्या सही है और क्या नहीं। इससे सही फैसले लेने में आसानी होगी।
आभार प्रकट करें
तनाव के वक्त हमें लगता है जैसे ज़िंदगी में कुछ भी अच्छा नहीं है। ऐसे समय में रोज़ कुछ अच्छी चीज़ें लिखिए जिनके लिए आप शुक्रगुजार हैं। जैसे,आपका परिवार, दोस्त, नौकरी या कोई प्यारा पल। इससे आपका ध्यान पॉजिटिव चीज़ों पर जाएगा और मन खुश रहेगा।
तनाव की वजह समझें
जब आप नियमित रूप से लिखते हैं, तो धीरे-धीरे आपको ये समझ में आने लगेगा कि आप किन बातों पर सबसे ज्यादा तनाव महसूस करते हैं। ये जानना आपके लिए फायदेमंद होगा क्योंकि इससे आप उन कारणों पर काम कर सकेंगे और उन्हें कंट्रोल कर पाएंगे।
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हल खुद निकलने लगेगा
लिखते वक्त जब आप अपने डर, समस्या या टेंशन को कागज़ पर उतारते हैं, तो आपका दिमाग खुद ही उनके समाधान ढूंढने लगता है। इससे आप स्ट्रेस को बेहतर तरीके से हैंडल कर पाते हैं।