Agra Police encounter: आगरा में कथित मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किए गए गोकशी के आरोपी इमरान के एक बयान ने आगरा पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कोर्ट में पेशी के दौरान इमरान ने न्यायाधीश के सामने अपने कान और गर्दन के पीछे लगी चोटें दिखाईं और दावा किया कि पुलिस ने उसे पकड़ने के बाद पहले बेरहमी से पीटा और फिर पैर में गोली मार दी। जब जज ने मेडिकल रिपोर्ट देखी, तो उसमें इन चोटों का कोई जिक्र नहीं था। इस पर उन्होंने दोबारा मेडिकल जांच कराई और ताजा रिपोर्ट में चोटों की पुष्टि होते ही मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने व विभागीय जांच का आदेश जारी कर दिया।
मुठभेड़ या मारपीट? कोर्ट में उठे गंभीर सवाल
31 मई 2025 को आगरा के सदर क्षेत्र में रकाबगंज Agra थाने की पुलिस और गोकशी के आरोपी इमरान के बीच कथित मुठभेड़ हुई थी। पुलिस का दावा है कि एनकाउंटर में आरोपी को पैर में गोली लगी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान उसका मेडिकल भी कराया गया था। इमरान के खिलाफ 29 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, और वह फिलहाल जेल में बंद है। लेकिन कोर्ट में पेशी के दौरान उसके चोटिल कान और गर्दन देख जज ने मेडिकल रिपोर्ट की पुष्टि मांगी और यहीं से पुलिस की कहानी पर सवाल उठने लगे।
दोबारा मेडिकल रिपोर्ट से खुली परतें, कोर्ट ने लिया संज्ञान
विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी के आरोपों को गंभीर मानते हुए सीएमओ को दोबारा मेडिकल जांच का आदेश दिया। नई रिपोर्ट में शरीर पर पुरानी चोटों की पुष्टि हुई, जो पहले की रिपोर्ट में नहीं थीं। इससे साफ हुआ कि आरोपी पर कथित मुठभेड़ से पहले ही अत्याचार किया गया था। इस रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने यूपी डीजीपी को पत्र लिखकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने और केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट का कहना है कि यह पुलिस अभिरक्षा में मारपीट और मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
Agra पुलिस की सफाई और भीतरू हलचल
Agra डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने दावा किया कि आरोपी को जो चोटें लगीं, वह मुठभेड़ के दौरान गिरने से भी संभव हैं। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद Agra पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। विभाग अब कोर्ट में रिवीजन याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रहा है। वहीं आगरा कमिश्नरेट में फर्जी एनकाउंटर को लेकर अंदर ही अंदर बहस छिड़ गई है। अगर जांच में पुलिसकर्मियों की लापरवाही साबित होती है, तो यह मामला यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल बन सकता है।