Railway Ticket Booking : भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए आधार सत्यापन को अनिवार्य करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस निर्णय की जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दी। जल्द ही ई-आधार सत्यापन प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि आपात स्थिति में केवल वास्तविक यात्रियों को ही कन्फर्म टिकट मिलें।
IRCTC ने शुरु की यूजर्स की जांच
IRCTC ने उन यूजर्स की गहन जांच शुरू कर दी है जिनके अकाउंट आधार से लिंक नहीं हैं। जो खाते संदेहास्पद पाए जाएंगे, उन्हें निष्क्रिय कर बंद किया जाएगा। साथ ही, रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग में होने वाली धांधलियों पर लगाम कसने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित उन्नत सॉफ्टवेयर का भी सहारा लिया है। इसी अभियान के तहत बीते छह महीनों में 2.4 करोड़ से अधिक अकाउंट्स को निष्क्रिय किया जा चुका है, जबकि 20 लाख अतिरिक्त खातों की जांच प्रक्रिया जारी है।
13 करोड़ यूजर्स में केवल 1.2 करोड़ ही आधार प्रमाणित
IRCTC के प्लेटफॉर्म पर वर्तमान में 13 करोड़ से ज्यादा सक्रिय यूजर्स हैं, लेकिन इनमें केवल 1.2 करोड़ अकाउंट ही आधार से सत्यापित हैं। रेलवे का उद्देश्य है कि केवल असली यात्रियों को ही तत्काल और प्रीमियम तत्काल टिकट उपलब्ध कराए जाएं। नए नियमों के तहत, जो यूजर्स आधार से सत्यापित होंगे, उन्हें तत्काल बुकिंग विंडो खुलने के पहले 10 मिनट में प्राथमिकता दी जाएगी।
क्या कहते हैं आंकड़े ?
24 मई से 2 जून 2025 के बीच के आंकड़ों के मुताबिक, रोजाना औसतन 2.25 लाख यात्री ऑनलाइन तत्काल टिकट बुक करते हैं। एसी श्रेणी के कुल 1,08,000 टिकटों में से लगभग 62.5% टिकट पहले 10 मिनट में और 86% पहले घंटे में बुक हो जाते हैं। वहीं, नॉन-एसी श्रेणी में 1,18,567 टिकटों में से 66.4% पहले 10 मिनट में और 84.02% पहले घंटे में बुक हो जाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि विंडो खुलने के 8 से 10 घंटे बाद भी करीब 12% टिकट उपलब्ध रहते हैं, जो दर्शाता है कि ईमानदारी से टिकट बुक करना अब भी संभव है।
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IRCTC ने बोट्स या अन्य ऑटोमेटेड टूल्स के जरिए टिकट बुक करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। अधिकृत एजेंटों को भी टिकट बुकिंग विंडो खुलने के पहले 10 मिनट तक टिकट बुक करने की अनुमति नहीं दी गई है। रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपने IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक कर लें, ताकि न केवल उनका खाता सक्रिय बना रहे, बल्कि उन्हें बुकिंग में प्राथमिकता भी मिल सके। यह कदम रेलवे के डिजिटल सिस्टम को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और जनहितैषी बनाने की दिशा में एक अहम पहल है, जिससे न केवल टिकट की कालाबाज़ारी पर रोक लगेगी, बल्कि वास्तविक यात्रियों को यात्रा का हक भी सुनिश्चित होगा।